एक प्रतिबद्ध प्रेमिका की तरह बोले नीतीश, मर जाना कबूल लेकिन उनके साथ जाना कबूल नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों अपने गठबंधन सहयोगी राजद के साथ ही पूर्व सहयोगी भाजपा के भी निशाने पर हैं. इसके बावजूद कयास लगाया जा रहा है कि वह एक बार फिर भाजपा में जा सकते हैं. लेकिन सोमवार को उन्होंने इन कयासों को खारिज कर दिया है.
पटनाः बिहार में महागठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल और जदयू के बीच नीतीश कुमार के सीएम पद को लेकर राजद नेताओं में लगातार बढ़ रहे असंतोष से ऐसा माना जा रहा था कि नीतीश कुमार एक बार फिर राजद छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं. लेकिन नीतीश ने इन कयासों पर पानी फेर दिया है. भारतीय जनता पार्टी और जदयू के फिर से एक होने की चर्चाओं के बीच सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थिति साफ कर दी है. उन्होंने भाजपा पर जमकर भड़ास निकाली और साफ लहजे में कहा, "अब मर जाना कबूल है, लेकिन अब उनके साथ जाना हमें कबूल नहीं है. ये अच्छी तरह जान लीजिये."
जबर्दस्ती बैठ के लोग मुख्यमंत्री बना दिया
पटना में एक प्रोग्राम में भाग लेने के बाद सहाफियों से चर्चा करते हुए नीतीश ने भाजपा को चेतावनी देने के लहजे में कहा, "अभी चुनाव तो होने दीजिए, सब पता चल जाएगा. उन्हे बिहार के बारे में कुछ मालूम है? नीतीश कुमार ने कहा, "हमलोग तो अटल जी को मानने वाले थे इसलिए उनके साथ थे. उसके बाद तो हम लोगों ने उन्हें छोड़ दिया था, बाद में पीछे पड़कर 2017 में साथ ले आए, बाद में लग गया कि वे बिल्कुल गलत हैं." नीतीश ने कहा, "साल 2020 के चुनाव में जो हमारे साथ किया. हम बनना नहीं चाहते थे मुख्यमंत्री, जबदरस्ती बैठ के लोग मुख्यमंत्री बना दिया." उन्होंने यह भी कहा कि वे लोग हमलोग के ही वोट से चुनाव जीते हैं.
भाजपा और राजद दोनों तरफ से नीतीश पर हो रहे हैं हमले
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इतवार को भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद भाजपा ने घोषणा की थी कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में बोझ बन गए हैं. भाजपा ने साफ शब्दों में कहा है कि भविष्य में नीतीश कुमार के साथ कतई कोई गठबंधन नहीं होगा. वहीं, कुछ दिनों ने राजद के कई विधायक नीतीश के खिलाफ इस बात को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं कि उन्हें सत्ता छोड़कर तेजस्वी यादव को सीएम का पद सौंप देना चाहिए.
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