मायावती ने कहा है कि एक सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत इसकी आड़ में इसे जबरन हिंदू (बनाम) मुस्लिम मुद्दा बनाना मुनासिब नहीं है.
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लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की सदर मायावती ने सोमवार को भाजपा पर इल्जाम लगाया है कि वह मुल्क के कुछ रियासतों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए धर्मांतरण के मुद्दे को सियासी रंग देना चाहती है. मायावती ने एक बयान में कहा है कि डरा-धमका कर या लालच देकर किसी का मजहब बदलवाना मुकम्मल तौर पर गैर कानूनी है और ऐसे मामलों की सही जांच करा कर कसूरवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन एक सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत इसकी आड़ में इसे जबरन हिंदू (बनाम) मुस्लिम मुद्दा बनाना और पूरे मुस्लिम समुदाय को शक की नजरों से देखना कतई मुनासिब नहीं है. बसपा इसका डट कर मुखालफत करेगी.
खुफिया एजेंसियों पर उठाया सवाल
मयावती ने कहा कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि धर्मांतरण की आड़ में मुज्ल्क को नुकसान पहुंचाने की साजिश काफी पहले से चल रही थी और अगर यह सच है तो मुल्क की खुफिया एजेंसियां अब तक क्या कर रही थी. साबिक वजीरे आला ने कहा कि इस मुद्दे पर अब जो कार्रवाई हो रही है, वह बहुत पहले हो जानी चाहिए थी.
योगी सरकार पर साधा निशाना
इसके अलावा मायावती ने यह भी कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया तत्व बता कर अब तक जिन लोगों की संपत्ति जब्त या ध्वस्त की है, उनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग प्रभावित हुए हैं और इससे समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है. हालांकि, उन्होंने किसी के नाम का जिक्र किए बगैर यह कहा है. गौरतलब है कि योगी सरकार ने मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ हाल में इस तरह की कार्रवाई की है. अभी दो दिन पहले भी योगी सरकार ने बसपा के एक साबिक विधायक की करोड़ा रुपये की जेरे तामीर इमरात गिरा दी है. इमरात के गैर कानूनी जमीन पर बने होने का इल्जाम था.
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