मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने बड़ी कंपनियों से जानकारी मांगी है और इस बात पर जोर दिया है कि कंपनियां इसकी दस्तीक करें और अपना जवाब जल्द से जल्द और मुम्किना तौर पर आज ही दें.
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नई दिल्ली: मरकज़ी हुकूमत (Centre Govt) ने आज (बुधवार) अहम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को खत लिखकर पूछा कि क्या उन्होंने आज से लागू होने वाले नए डिजिटल नियमों पर अमल किया है और इस मामले में आज ही उनसे जवाब मांगा है.
तीन महीने का दिया गया वक्त आज खत्म
फेसबुक, व्हॉट्सएप और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स को नए नियमों पर अमल करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया गया था, जिसके लिए उन्हें भारत में एक अमलदरआमद ऑफिसर तकर्रुर करने, ग्रीवेंस मैकेनिज्म सिस्टम कायम करने और कानूनी हुक्म के 36 घंटे के अंदर मुताज़ा मवाद को हटाने के लिए कहा था.
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने बड़ी कंपनियों से जानकारी मांगी है और इस बात पर जोर दिया है कि कंपनियां इसकी दस्तीक करें और अपना जवाब जल्द से जल्द और मुम्किना तौर पर आज ही दें.
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किया कहते हैं नए नियम?
नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को एक चीफ कंप्लेंस ऑफिसर, एक नोडल कांटेक्ट शख्स, एक निवासी कंप्लेंस ऑफिसर और भारत में कंपनी का एक फिजिकल पता और राब्ता करने की तफसील हुकूमत को फहाहम करना होगा. नियमों के मुताबिक, ऐसी साइटें जो तीसरे फरीक की जानकारी, पैगाम और पोस्ट होस्ट करती हैं, अगर वे नियमों के अमल करने में नकाम रहती हैं, तो वे मुकदमों और प्रॉसिक्यूशन से हिफ़ाजत खो देती हैं.
नए नियमों के मुताबिक, अफसरों की तरफ से अगर किसी मवाद को लेकर एतराज़ किया जाता है और उसे हटाये जाने के लिए कहा जाता है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 36 घंटे के भीतर कदम उठाना होगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को शिकायतों के इज़ाले के लिए एक मज़बूत सिस्टम कायम करने की ज़रूरत है.
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सोशल मीडिया कंपनियां अब किया है मुतबादिल?
बड़ा सवाल उठता है कि हुकूमत के नए नियम को मानने वक्त खत्म होने के बाद अब आगे क्या होगा? तो सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सोशल मीडिया कंपनियों के सामने क्या मुतबादिल हैं? पहला मुतबादिल यह है कि सोशल मीडिया कंपनियां इस मियाद को फिर से आगे बढ़ाने की गुज़ारिश कर सकती हैं. इसके लिए सोशल मीडिया कंपनियां कोरोना का हवाला दे सकती हैं. दूसरा मुतबादिल है कि ये कंपनियां नए नियमों पर अमलआवरी के लिख कर हुकूमत को यकीन दिलाएं.
(इनपुट- पीटीआई के साथ भी)
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