नई दिल्लीः मरकजी वजीर मुख्तार अब्बास नकवी ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस पर निशाना साधा है. नकवी ने इतवार को कहा कि सत्ता में रहने के दौरान ‘‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’’ रही पार्टी अब ‘‘फर्जी एवं मनगढ़ंत मुद्दे’’ पर संसद का वक्त बर्बाद करना चाहती है. राज्यसभा के उपनेता ने कांग्रेस और कुछ दीगर विपक्षी दलों पर ‘रैंट एंड रन’’ (इल्जाम लगाओ और भाग जाओ) का रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार इस मानसून सत्र में अवाम से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि तसशुदा तारीख 13 अगस्त से पहले मानसून सत्र के खत्म होने की बातें महज अफवाह हैं. पेगासस और कुछ दीगर मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में सरकार और हिज्बे मुखाफिल जमात के बीच रस्साकशी के हालात बने हुए हैं. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पाई है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.


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विपक्षी दलों की ‘स्वयंभू चैधरी’ बनने की कोशिश कर रही है कांग्रेस
अकलीयत अमूर वजीर नकवी ने कहा कि इन्होंने (कांग्रेस और उसके साथी दलों) सबसे पहले कोरोना पर चर्चा की मांग की, फिर इसपर रजामंद नहीं हुए. फिर कहा कि किसान के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, उसपर भी राजी नहीं हुए. बाढ़ और महंगाई पर भी चर्चा में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. पेगासस को ‘‘फर्जी और मनगढ़ंत मुद्दा’’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह के मुद्दे पर विपक्ष सफाई चाहता था तो वह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (अश्विनी वैष्णव) के बयान के बाद मांग सकता था, लेकिन उन्होंने उग्र रवैया अपनाया और हंगामा किया. ज्यादातर विपक्षी पार्टियां चर्चा चाहती हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस विपक्षी दलों की ‘स्वयंभू चैधरी’ बनने की कोशिश कर रही है.

जनता से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार
इस सवाल पर कि क्या सरकार पेगासस पर चर्चा के लिए तैयार होगी, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में कोई सत्यता और दम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम जनता से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. पहले इन्होंने (कांग्रेस और उसके साथी दलों) किसानों के मुद्दे पर बात की और अब उसे भूल गए. महंगाई की बात करते हैं, लेकिन चर्चा नहीं करते। आप नोटिस दीजिए और राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे कि किन नियमों के तहत चर्चा होगी.’’ 

कांग्रेस अपना इतिहास देख ले पहले 
हंगामे के बीच बिना चर्चा के बिल पास कराने के विपक्ष के इल्जाम पर नकवी ने कहा, ‘‘ये अपना इतिहास देख लें. इन लोगों ने संप्रग सरकार के समय हंगामे के बीच कितने विधेयक पास कराए. उस वक्त 2जी का मुद्दा था. इनके पास तो कोई मुद्दा नहीं है. बिना सियासी जमीन के सामंती जमींदारी का हवा-हवाई हंगामा है, इसके अलावा कुछ नहीं है.’’

हमें भरोसा है, गतिरोध जल्द दूर होगा 
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के स्तर पर विपक्ष के साथ लगातार बातचीत की जा रही है और गतिरोध खत्म करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के साथ कोई संवादहीनता नहीं है. दिन में चार-चार बार विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा होती है, लेकिन दुर्भाग्य है कि सबसे पुरानी पार्टी क्या रास्ता अपनाना चाहती है, उसका कुछ समझ नहीं आता. नकवी ने हंगामे को संसदीय लोकतंत्र के लिए गैर मुनासिब बताते हुए यह भी कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि गतिरोध खत्म होगा. विपक्षी दलों से इल्तिजा है कि वे चर्चा में हिस्सा लें.’’

विपक्ष के पास पीएम पद के लिए एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार
मगरबी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे और विपक्षी एकजुटता की कोशिशों पर चुटकी लेते हुए नकवी ने कहा कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री ओहदे के लिए एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार हैं और इनके बीच सख्त मुकाबला है. उन्होंने कहा, ‘‘एक दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. हर व्यक्ति खुद को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहा है. इनके पास नेता नहीं हैं, कार्यक्रम और नीति नहीं है.’’ 


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