Congress leader Rahul Gandhi says This fight is against Mitrakaal: मानहानि मामले में जमानत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि यह लड़ाई मित्रकाल के खिलाफ है और इस संघर्ष में सच्चाई मेरा हथियार है.
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नई दिल्लीः आजादी के 75 साल पूरे होने पर जहां एक तरफ भाजपा देशभर में 'अमृतकाल’ मना रही है, वहीं कांग्रेस ने इसे 'मित्रकाल’ करार दिया है. 2019 के मानहानि मामले में सूरत की अदालत में अपनी सजा की अपील करने और जमानत मिलने के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा है कि वह 'मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और सत्य ही उनका शस्त्र और सहारा है. राहुल गांधी ने एक हिंदी ट्वीट में कहा, “यह 'मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में सच्चाई मेरा हथियार और समर्थन है."
राहुल गांधी हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि मोदी अपने दोस्त अडानी को बचा रहे हैं. वहीँ, एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में अमृतकाल का भेष बदलकर आये मित्रकाल के खिलाफ राहुल गाँधी संघर्ष कर रहे हैं.
राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने यह कहने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर कराया था कि “सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे होता है?“ राहुल गांधी ने भारतीय जनता 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा अपनी सजा के खिलाफ सूरत की अपीलीय अदालत में अपील दायर करने के के बाद भाजपा की जमकर आलोचना की.
वहीं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर हमला करने के लिए आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और इल्जाम लगाया कि कांग्रेस नेता अपने परिवार और कुछ मुख्यमंत्रियों के साथ ओबीसी समुदाय के 'अपमान को दोहराने और जोड़ने’ के लिए 'धूमधाम’ के साथ सूरत पहुंचे हैं. “राहुल गांधी के साथ उनके परिवार के सदस्य, सीएम अशोक गहलोत और भूपेश बघेल भी सूरत पहुंचे थे. पात्रा ने कहा कि इस तामझाम की क्या जरूरत है?’’ पात्रा ने कहा कि क्या ये सच नहीं है कि राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की है? आपने उन्हें चोर कहा और गाली दी है. आप सूरत में जाकर इस तरह का विरोध करके ओबीसी समुदाय के अपमान को और बढ़ा रहे हैं. राहुल गांधी को उनके “अहंकार" के लिए आलोचना करते हुए, भाजपा नेता ने इल्जाम लगाया है कि वह अपनी टिप्पणी के लिए निचली अदालत से माफी मांगने के लिए तैयार नहीं थे.
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