देवबंद/सैयद उवैस अली: इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) ने ईद-उल-फितर (Eid Ul Fitr) की नमाज को लेकर फतवा जारी किया है. जिसमें मुफ्तियों ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए शासन की गाइडलाइन पर अमल करते हुए इमाम समेत तीन से पांच लोगों की जमात के साथ नमाज अदा करने को कहा.


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साथ ही उन्होंने यह भी कहा की अगर जमात न हो सके तो इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि इस तरह के हालात में ईद की नमाज माफ है. उसकी जगह पर नमाज-ए-चाशत अदा कर ली जाए तो बेहतर है.दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने इदारे के इफ्ता मेहकमा के मुफ्तियों की बेंच से यह फतवा लिया है.


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जिसमें उन्होंने सवाल किया कि मुल्क में इस वक्त लॉकडाउन की वजह से जो हालात बने हुए हैं उसमें सरकार ने अहतियात के तौर पर सख्त पाबंदियां लगाई हुई हैं. इसमें मस्जिदों में भी सिर्फ पांच लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है. इस बीच ईद-उल-फितर का त्योहार आने वाला है तो ऐसे में ईद की नमाज अदा करने की शरीयत में क्या हिदायत है?


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सवाल पर दारुल इफ्ता से जारी फतवे में कहा कि जिन शर्तों के साथ जुमा की नमाज अदा करना जायज है. उन्हीं शर्तों पर ईद की नमाज़ अदा की जा सकती है. यानि इमाम के साथ तीन या पांच लोग मस्जिदों या दूसरी जगहों पर शरीयत की पाबंदियों के साथ नमाज अदा कर सकते हैं. फतवे में मुफ्तियों ने यह भी कहा की मजबूरी की वजह से नमाज अदा करने की सूरत न बन सके तो ईद की नमाज माफ है. ऐसे सूरत में लोग घरों में नमाज-ए-चाशत अदा कर सकते हैं.


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गौरतलब है की महामारी के चलते पिछले साल भी ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा की नमाज ईदगाहों में अदा नहीं हुई थी. जबकि इस बार भी महामारी के चलते शासन की पाबंदियों के चलते ईदगाह में नमाज अदा नहीं की जाएगी.


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