इंडोनेशिया की करंसी को रुपैया (Rupiah) कहा जाता है. इस देश के 20 हजार के नोट की तस्वीर देखें तो आपको सबसे पहले हजर देवंतारा की फोटो लगी है.
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नई दिल्ली: यूं तो आपको हिंदू और मुस्लिम समुदायों की बीच एकता की कई बड़ी मिसालें मिल जाएंगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मिसाल बताने जा रहे हैं जो वाकई काबिले तारीफ है. दरअसल 87 फीसद से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश में हिंदुत्वता को बहुत ज्यादा अहमियत दी जाती है. यहां हिंदू और मुस्लिम लोगों में फर्क करना बेहद मुश्किल बताया जाता है.
इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है लेकिन यहां आपको हिंदू कई ऐसे सबूत मिल जाएंगे जो हिंदू-मुस्लिम की एकता को बयान करते हैं. यहां तक कि इस देश के करंसी नोट पर भी भगवान गणेश की मूर्ति छपी है. ना सिर्फ नोट बल्कि आपको जगह-जगह हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां देखने मिल जाएंगी.
इंडोनेशिया की करंसी को रुपैया (Rupiah) कहा जाता है. इस देश के 20 हजार के नोट की तस्वीर देखें तो आपको सबसे पहले हजर देवंतारा की फोटो लगी है. देवंतारा इंडोनेशिया के स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने अपने देश में शिक्षा व्यवस्था की नींव रखी. देवंतारा की तस्वीर के बिल्कुल बराबर में हिंदुओं के भगवान गणेश की तस्वीर भी देखने को मिलेगी.
इंडोनेशिया की तारीफ करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक प्रोग्राम में एक असल कहानी सुनाई थी. सीएम योगी ने 24 दिसंबर 2020 को 'अटल दिवस' (Atal Diwas) के मौके पर कहा था कि अयोध्या में दीपोत्सव के प्रोग्राम में इंडोनेशिया की रामलीला आई थी. इन कलाकारों ने खुद सीएम योगी ने मुलाकात की थी.
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सीएम योगी ने बताया था कि मैं यह देखकर हैरान था भगवार राम, हनुमान और सीता समेत सभी के किरदार निभाने वाले कलाकार मुस्लिम थे. सीएम योगी ने उनसे पूछा कि आप मुस्लिम होने के बावजूद रामलीला करते हैं? तो उन्होंने जवाब दिया हां, हमारे यहां लोग श्री राम का बहुत सम्मान करते हैं, तब मैंने उनसे कहा कि भारत के अंदर कोई ऐसा करता तो फतवा जारी हो गया होता."
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