लखनऊः पिछले दिनों जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (JDU leader Nitish Kumar) ने सपा संरक्षक अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) से मुलाकात की थी. वह विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयासों के तहत देश भर के तमाम विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. नीतीश के मुलायम से मिलकर जाने के बाद सपा कार्यालय में एक संदेश के साथ एक पोस्टर सामने आया है, जिससे प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी गई है.


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क्या लिखा है संदेश में ? 
सपा दफ्तर में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उसपर लिखा है, “यूपी $ बिहार = गई मोदी सरकार (अगर उत्तर प्रदेश और बिहार हाथ मिलाते हैं, तो मोदी सरकार को बाहर कर दिया जाएगा) (UP + Bihar = Gayi Modi Sarkar) बैनर पर नीतीश कुमार और अखिलेश यादव की तस्वीरें हैं. ब्लैक एंड व्हाइट बैनर में केवल दो रंगीन तत्व हैं - नीतीश कुमार का हरा दुपट्टा (अंगोचा) और अखिलेश यादव की लाल टोपी. 

यूपी-बिहार से बदल जाती है केंद्र की राजनीति 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और बिहार मिलकर 120 (क्रमशः 80 और 40) सांसदों को लोकसभा भेजते हैं और इन दोनों राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पार्टी या राजनीतिक दल दिल्ली में सरकार बनाने की अच्छी स्थिति में होती हैं. समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में देश की राजनीति की दिशा बदलने वाली घटनाओं की शुरुआत करने का इतिहास रहा है. उन्होंने कहा, “अगर ये राज्य (बदलाव के लिए) फैसला करते हैं, तो कुछ भी नहीं बचेगा (दूसरों के लिए) अगर हम राजनीतिक मानचित्र देखें, तो भाजपा कहीं नहीं होगी.“

नीतीश कुमार की क्या है योजना ?
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रीय लोक दल समाजवादी विचारधारा के अग्रदूत हैं, और ’नेताजी’ मुसलमान सिंह यादव “संरक्षक“ हैं. सिंह ने कहा, “यह समाजवादी थे जिन्होंने पहले तानाशाही को उखाड़ फेंका था और आने वाले दिनों में समाजवादी ही क्रांति के नायक होंगे.“ अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के अलावा कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला और राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा था कि वह “तीसरे मोर्चे“ के लिए काम नहीं कर रहे हैं बल्कि “मुख्य मोर्चा“ बनाने में जुटे हैं. 

यूपी-बिहार में भाजपा की मौजूदा स्थिति 
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 62 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेला) ने दो सीटें जीती थीं. बसपा ने 10, सपा ने पांच, जबकि कांग्रेस ने एक सीट जीती थी. भाजपा ने हाल के उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर जीत हासिल की, जिससे उसकी संख्या 64 और एनडीए की 66 हो गई. बिहार में, एनडीए - तब भाजपा, जद (यू) और लोजपा गठबंधन - ने 2019 में कुल 40 सीटों में से 39 पर जीत हासिल की थी. इसमें से, भाजपा के पास 17 सीटों का हिस्सा था, जेडी (यू) 16 और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी छह. जद (यू) के गठबंधन से बाहर होने के साथ, एनडीए के पास 23 हैं. बिहार में कांग्रेस के पास एक सीट और राजद के पास शून्य है.


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