Arvind Kejriwal: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग करने वाली CBI की याचिका पर शनिवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.केजरीवाल पर पूछताछ करने के दौरान जांच एजेंसी के सहयोग ना करने का आरोप है.


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केजरीवाल को इस मामले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. इससे पहले केजरीवाल उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे.


शनिवार को सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तरफ से सीनियर वकील विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि मामले की जांच 2022 से चल रही है. चौधरी ने अदालत में कहा, "केजरीवाल को मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. सुनवाई की आखिरी तारीख पर उन्होंने (सीबीआई ने) कहा था कि उन्होंने जनवरी में सबूत इकट्ठा किए थे.चौधरी ने कहा कि उन्होंने अप्रैल में मंजूरी प्राप्त कर ली थी. उन्होंने यह भी कहा कि CBI उन्हें पहले गिरफ्तार नहीं किया था क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट तक नहीं जाना चाहते थे."


चौधरी ने अदालत से यह भी मांग की कि वह सीबीआई को सभी सामग्री रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दे. उन्होंने कहा, "उन्होंने (सीबीआई) सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक बयान भी दिया है कि वे 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे...मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि आईओ (जांच अधिकारी) से कहें कि वे जो भी कह रहे हैं" उसने जोड़ा।


बताते चलें कि सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कविता सहित 17 आरोपियों के खिलाफ चार चार्ज शीट दायर किए हैं. अभी तक किसी भी चार्ज में केजरीवाल का नाम नहीं लिया गया है. उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी को रिश्वत के रूप में मिले ₹100 करोड़ में से ₹44.45 करोड़ जून 2021 से जनवरी 2022 के दौरान चुनाव प्रचार मकसदों के लिए 'हवाला चैनलों' के जरिए से गोवा में ट्रान्सफर्ड किए गए थे.