Sharjeel Imam: दिल्ली की एक अदालत ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में अहम शख्स शरजील इमाम की जमानत की मांग वाली याचिका पर सोमवार को फैसला महफूज रख लिया. कड़कड़डूमा अदालत के एडिशनल सेशन जज ने दलीलें सुनीं और मामले को 25 सितंबर को हुक्म सुनाने के लिए दर्ज किया.


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28 जनवरी 2020 से हिरासत में


इमाम, जिस पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की तरफ से शुरू में देशद्रोह के जुर्म के लिए दर्ज किया गया था. बाद में, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 13 लागू की गई. वह 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में हैं और उसका तर्क इस दावे पर केंद्रित है कि उसने UAPA की धारा 13 के तहत ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है. 


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शरजील पर कई जुर्म


सोमवार को, जब इमाम के वकील ने अदालत के सामने यही दलील रखी, तो दिल्ली पुलिस ने मुखालफत करते हुए कहा कि सिर्फ एक नहीं, कई जुर्म हैं. उनके एप्लीकेशन के मुताबिक, उन्होंने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं और इस तरह उन्हें मुजरिमाना तरीकेकार कोड की धारा 436ए के तहत जमानत का हकदार होना चाहिए. एप्लीकेशन में कहा गया है कि इमाम अपनी रिहाई पर काबिले एतमाद जमानत देने और किसी भी शर्त को पूरा करने को तैयार हैं.


कौन है शरजील


आपको बता दें कि शरजील इमाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मॉर्डन इंडियन हिस्ट्री के स्टूडेंट हैं. शरजील IIT मुंबई से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट हैं. शरजील इमाम JDU के नेता रहे अकबर इमाम के बेटे हैं. वह जहानाबाद के काको से ताल्लुक रखते हैं. इमाम का परिवार अब पटना में रहता है. 


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