गन्ना किसानों को हुकूमत का बड़ा तोहफा, FRP बढ़ाकर 290 रुपए प्रति क्विंटल किया
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गन्ना किसानों को हुकूमत का बड़ा तोहफा, FRP बढ़ाकर 290 रुपए प्रति क्विंटल किया

Farmer Latest News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार गन्ने का एफआरपी यानी फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस बढ़ा दिया है. इसको लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.

 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, मरकज़ी हुकूमत ने गन्ने का समर्थन मूल्य (FRP) बढ़ाने का ऐलान किया है. वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी की सदारत में हुई सीसीईए की बैठक में ये फैसला लिया गया कि 290 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 10 फीसीद से ज्यादा की वसूली में प्रत्येक 0.1 फीसदी के इज़ाफ़े और एफआरपी में 2.90 रुपये प्रति क्विंटल की कमी के लिए 2.90 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम रिकवरी में हर 0.1 फीसदी की कमी के लिए दिया जाएगा.

कैबिनेट विज्ञप्ति कहा गया है, 'किसानों के हितों की हिफाज़त के लिए सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण को चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं करने के फैससा में भी देखा जाता है, जहां वसूली 9.5 फीसदी से कम है. ऐसे किसानों को आगामी चीनी सीजन 2021-22 मौजूदा चीनी सीजन 2020-21 में 270.75 रुपये प्रति क्विंटल के बजाए गन्ने के लिए 275.50 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा.

चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने की पैदावार लागत 155 रुपये प्रति क्विंटल है. 10 फीसदी की वसूली दर पर 290 रुपये प्रति क्विंटल का यह एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1 फीसदी ज्यादा है, जिससे किसानों को उनकी लागत पर 50 फीसदी से ज्यादा का लाभ मिल रहा है.

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चीनी मिलों ने 2020-21 के मौजूदा चीनी सीजन में 91,000 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 2,976 लाख टन गन्ना खरीदा है, जो कि फसल के लिए अब तक का सबसे उच्च स्तर है और एमएसपी पर धान की खरीद के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा स्तर है।

आगामी चीनी सीजन 2021-22 में गन्ने के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों द्वारा लगभग 3,088 लाख टन गन्ना खरीदे जाने की संभावना है। गन्ना किसानों को कुल प्रेषण लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये होगा.

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गौरतलब है कि पिछले तीन चीनी मौसमों - 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में लगभग 6.2 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी), 38 एलएमटी और 59.60 एलएमटी चीनी का निर्यात किया गया था. विज्ञप्ति में कहा गया है कि मौजूदा चीनी सीजन 2020-21 में, 60 एलएमटी के निर्यात लक्ष्य के मुकाबले, लगभग 70 एलएमटी के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और 55 एलएमटी से अधिक का भौतिक रूप से देश से निर्यात किया गया है, जैसा कि 23 अगस्त को जारी किया गया था.
(इनपुट- ईएएनएस के साथ भी)

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