सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की तरफ से सिफारिश किए गए नामों में से एक न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना हैं, जो भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने की कतार में हो सकती हैं.
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नई दिल्ली: देश को पहली महिला चीफ जस्टिस मिलना तय हो गया है. मरकज़ी हुकूमत की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की रिफारिश वाले सभी नौ जजों के नाम पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही साल 2027 में देश में पहली महिला CJI मिलने का रास्ता साफ हो गया है. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की तरफ से सिफारिश किए गए नामों में से एक न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना हैं, जो भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने की कतार में हो सकती हैं. अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में नौ नए न्यायाधीश शपथ लेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की ज्यादा से ज्यादा तादाद 34 हो सकती है और इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में 10 पद खाली हैं. कोर्ट के कॉलेजियम ने एक बेमिसाल फैसले के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की पिछले हफ्ता सिफारिश की थी और अब मरकज़ी हुकूमत के बाद राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी.
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कौन से हैं वो 9 नाम
नौ नामों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के आठ जज और एक वकील शामिल हैं. इनमें कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका भी हैं, जो सभी HC के मुख्य न्यायाधीशों में सबसे सीनियर मुख्य न्यायाधीश हैं. गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली भी इस लिस्ट में शामिल हैं. हिमा कोहली हाईकोर्ट की एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं. केरल हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति नागरत्ना, मद्रास HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.टी. रवि कुमार, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिंह का नाम सिफारिश में शामिल हैं.
(इनपुट- भाषा के साथ भी)
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