लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी और अदब की सरज़मी लखनऊ में हजरत अली की शहादत की तारीख़ के मौके पर 21 रमजान का ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया. जिसमें बड़ी तादाद में हजरत अली के चाहने वालों ने शिरकत करके नम आंखों से उनको याद किया.


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या अली मौला हैदर मौला की हुई सदाएं बुलंद
दरगाह हजरत अब्बास इलाके के रौज़ा ए नजफ़ से सुबह की नमाज़ के बाद 21 रमज़ान का तारीख़ी जुलूस निकाला गया. जिसमें लोगों का एक हुजूम देखने को मिला. हजरत अली से अक़ीदत रखने वाले बच्चे,बूढ़े औरतें जवान सभी हजरत अली के जुलूस के साथ चल रहे थे और ताबूत की एक झलक पाने को बेकरार नज़र आ रहे थे. ताबूत के साथ-साथ अकीदतमंदों के हुजूम उमड़ रहे थे. और वह अपने लबों पर या अली मौला हैदर मौला की सदाएं बुलंद किये हुए हज़रत अली को ग़मगीन माहौल में याद कर रहे थे.


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चप्पे चप्पे पर था पुलिस का पहरा
हजरत अली का ऐतिहासिक जुलूस में बड़ी तादाद में लोग शामिल होते हैं. लिहाज़ा पुलिस प्रशासन के लिए भी यह एक चुनौती भरा सफर होता है. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात कर रखे थे. जुलूस में किसी भी तरीके की कोई दुश्वारी न आए इसको लेकर कई रास्तों का डायवर्जन भी किया गया था. जुलूस जिन रास्तो से गुज़रा इन रास्तों पर सीसीटीवी और आसमान से निगाह बनाए रखने के लिए ड्रोन कैमरा का इस्तेमाल भी किया गया. इस मौके पर पुलिस के कई बड़े अफसर जुलूस के संपन्न होने तक मौजूद रहे.


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