अयोध्या: अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान के अंतिम दिन गुप्तदान किया है. इकबाल अंसारी ने अपने पिता व पूर्व पक्षकार बाबरी मस्जिद हाजी मोहम्मद हाशिम अंसारी व अपनी पत्नी, बेटे और बेटी सहित अपने नाम का कूपन भी कटवाया है. अंसारी ने राधाकृष्ण की फोटो वाले लिफाफा में अंशदान धन रखकर समर्पण निधि समर्पित किया है. अंसारी ने लिफाफे पर अपने हाथ से राम मंदिर समर्पण निधि लिखा है.


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"गुप्त तरीके दान देने को कहता है इस्लाम"
इकबाल अंसारी का कहना है कि धर्म के कार्य के लिए सभी को दान करना चाहिए. दान देना, दान लेना हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों में मान्य है. धार्मिक कार्यों को दान से ही पूरा किया जाता है. हमारा मजहब इस्लाम कहता है कि दान गुप्त ही देना चाहिए एक हाथ से दिया गया दान दूसरे हाथ को मालूम नहीं हो. पूरे हिंदुस्तान में राम मंदिर के लिए दान लिया गया लेकिन कोई विवाद नहीं हुआ यह खुशी की बात है. 


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राम मंदिर बनने से हमें खुश हैं: अंसारी
उन्होंने आगे कहा कि समर्पण निधि कार्यक्रम शुरू हुआ तो लोगों ने तरह-तरह की बातें कीं लेकिन आज समर्पण निधि की समाप्ति के दिन सबकुछ अच्छे से बीत गया. हमारा मजहब कहता है कि सभी धर्मों का सम्मान करो, हम और हमारे पिता मरहूम हाशिम अंसारी का भी किसी से विवाद नहीं रहा. हिन्दू-मुसलमानों में कोई भेद नहीं है. हिंदुस्तान में दोनों साथ रह रहे हैं, इसलिए देश आगे बढ़ रहा है. राम मंदिर बन रहा हमे ख़ुशी है. अयोध्या में राम मंदिर बनने से अयोध्या की तरक्की होगी. साथ ही प्रदेश और देश की भी तरक्की होगी.


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बता दें कि आज समर्पण निधि अभियान का अंतिम दिन है और आज आखिरी दिन इकबाल अंसारी ने अंशदान धन समर्पण निधि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को प्रदान किया है. समर्पण निधि के लिए ट्रस्ट की ओर से विहिप पदाधिकारी धीरेश्वर वर्मा व संघ प्रचारक अनिल सिंह ने इकबाल अंसारी के घर पहुंच कर समर्पण निधि प्राप्त किया. समर्पण निधि की शुरुआत मकर संक्रांति से हुई थी और समाप्ति माघ पूर्णिमा, संत रविदास जयंती के दिन 27 फरवरी यानी आज समाप्त हो रही है. 


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