Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में फायरिंग होने से तीन ऑफिसर शहीद हो गए हैं. शहीद होने वालों में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, उसी बटालियन के मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुजामिल के तौर पर हुई है.
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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बुधवार को अनंतनाग हुई फायरिंग में आर्मी के तीन ऑफिसर शहीद हो गए हैं. शहीद हुए अधिकारियों की पहचान 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, उसी बटालियन के मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट के रूप में की गई है, जो हाल ही में इस क्षेत्र में तैनात थे.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अनंतनाग के जंगली इलाके गारोल में आतंकी ठिकाने के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार रात एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था. इसी दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी, जिसमें अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए. घायलों को श्रीनगर अस्पताल ले जाया गया, बाद में तीनों लोगों ने श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में दम तोड़ दिया.
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस हमले में चार आतंकवादी शामिल थे. सिंह और धोंचक दोनों सिख लाइट इन्फैंट्री से थे, उन्होंने घाटी में अपनी धाक जमाई थी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनकी वीरता के लिए उन्हें सेना पदक से सम्मानित किया गया था. जबकि सिंह, जो उस समय उसी बटालियन में लेफ्टिनेंट कर्नल थे, उनको स्वतंत्रता दिवस 2021 पर मेडल से सम्मानित किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन अधिकारियों के घायल होने के बाद, सेना और पुलिस ने फोर्स को अनंतनाग के कोकरनाग के वन इलाके में भेजा और पूरे इलाके को सील कर दिया गया. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मुख्यालय 15 कोर (चिनार कोर), जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और ADG विजय कुमार भी मुठभेड़ वाले जगह पर पहुंचे.
आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू और कश्मीर में इस साल 31 जुलाई तक केवल 30 "आतंकवादी घटनाएं" दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले साल 125, 2021 में 129, 2020 में 126, 2019 में 153 और 2018 में 228 घटनाएं दर्ज की गईं थीं.