Jhansi News: यूपी की झांसी ज़िला जेल में इन दिनों हंगामा मचा हुआ है. अफरा-तफरी की वजह है कि यहां 14 कैदी एड्स से पीड़ित हैं, जबकि इसके अलावा 12 कैदी ऐसे भी मिले हैं जिनमें टीबी जैसे जानलेवा रोग के लक्षण मिले हैं. फिलहाल यह तमाम बाते सामने आने का बाद जेल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए हैं, ताकि टीबी जैसी घातक बीमारी से बाकी कैदियों को बचाया जा सके. ऐसा बताया जा रहा है कि यहां बंद 75 से भी ज्यादा कैदी दूसरी कई गंभीर बीमारियों की ज़द में आ चुके हैं. जिला जेल प्रशासन काफी अर्से से पीड़ित क़ैदियों का इलाज करवाने में जुटा हुआ है.


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 14 क़ैदियों में एड्स के सिम्टम 
अभी तक यह तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है कि जिन 14 कैदियों में एड्स के सिम्टम मिले हैं वे जेल में आने से पहले ही एचआईवी पॉज़िटिव थे या फिर उन्हें इस जानलेवा बीमारी ने जेल के अंदर आने के बाद अपनी चपेट मे लिया. इसकी जांच के लिए जेल की ही एक समिती पूरे मामले की जांच-पड़ताल कर रही है.  14 एड्स पीड़ित बंदियों के अलावा बाक़ी 12 कैदी टीबी के रोग से ग्रस्त हैं. साथ ही 3 मरीज़ कैंसर जैसी जानलेला बीमारी से जूझ रहे हैं. 22 कैदी शुगर और 24 और कैदी ब्लडप्रेशन की बीमारी की ज़द में आ चुके हैं.



बीमारियां के फैलने का ख़तरा
झांसी ज़िला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने इन सभी बातों की तस्दीक़ की है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, इन सभी बीमार कैदियों को बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा हैं. कुछ कैदियों के उपचार में ख़र्च की जाने वाली संभावित बड़ी रक़म के लिए ग्रांड भी तलब की गई है. बात अगर सिर्फ झांसी जिला जेल में बंद कैदियों की जाए तो यहां, 536 कैदियों को रखने की जगह है, लेकिन मजबूरी में इस वक्त जेल में बंद कैदियों की तादाद तक़रीबन 1600 है. जेल में तादाद से कई गुना ज़्यादा कैदियों होने की वजह से अलग-अलग बीमारियों के फैलने का ख़तरा बना हुआ है जोकि जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है.


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