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नई दिल्ली: भारतवंशी राशद हुसैन (Rashad Hussain) को अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने के लिए नामित किया है. अगर जो बाइडने के इस प्रस्ताव को अमेरिकी सीनेट की तरफ से मंजूरी मिल जाती है तो राशद हुसैन ऐसे पहले मुस्लिम शख्स होंगे जो जो धार्मिक आजादी को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी कूटनीति के प्रमुख बनेंगे.
भारतवंशी राशद हुसैन को 2009 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में शामिल किया गया था. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के कार्यकाल में भी अहम जिम्मेदारी दी गई थी. ओबामा के कार्यकाल में उन्हें ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) के लिए अमेरिका का खास राजदूत बनाया गया था. राशद हुसैन फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में पार्टनरशिप एंड ग्लोबल एंगेजमेंट के डायरेक्टर हैं.
भारतीय मूल के राशद हुसैन अमेरिका के दूत के तौर इंस्लामिक सहयोग संगठन में शिक्षा, टेक्नोलॉजी, इंटरनेशनल सिक्योरिटी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अहम काम कर चुके हैं। इसके साथ ही राशद हुसैन ने मुस्लिम देशों में यहूदियों को हक दिलाने, यहूदियों के खिलाफ होने वाले भेदभाव को लेकर काफी लड़ाई लड़ी है. इसीलिए इसी वजह से राशद हुसैन को जो बाइडेन टीम में अहम जिम्मेदारी मिलने को लेकर अमेरिकी यहूदी समिति ने जो बाइडेन की प्रशंसा की है और राशद हुसैन को बधाई दी है.
हुसैन का जन्म व्योमिंग में हुआ था जो भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों के बेटे हैं. उनके पिता मोहम्मद अकबर हुसैन, एक खनन इंजीनियर थे. उनकी मां रुकैया, उनकी बड़ी बहन लुबना और उनके छोटे भाई साद डॉक्टर हैं. खास बात यह है कि उनके तार भारतीय राज्य बिहार से जुड़े हैं. माइनिंग इंजीनियर उनके पिता 1960 के दहाई में व्योमिंग चले गए थे. इसके कुछ साल बाद उन्होंने भारत की यात्रा की और इस दौरान उन्होंने हुसैन की मां रुकैया से शादी की थी.
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