Siddique Kappan Family: पत्रकार सिद्दीकी कप्पन 28 महीने के लंबे अरसे के बाद आज यानी 2 फरवरी को जेल से बाहर आ गए हैं. पत्नी रेहाना और उसके बच्चे मुजम्मिल, जिधान और मेहनाज के लिए लगभग ढाई साल का तकलीफदेह इंतजार तब खत्म गया है जब ये लोग अपने पति और पिता सिद्दीकी कप्पन से फिर से मिले. कप्पन लखनऊ जिला जेल से 28 महीने बाद बाहर आए है. इस दौरान कप्पन ने  "मैं दिल्ली जा रहा हूं. मुझे वहां छह हफ्ते रहना है." यह पूछे जाने पर कि जेल में जीवन कैसा रहा, कप्पन ने कहा, "मैंने बहुत संघर्ष किया." 


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कप्पन की पत्नी रेहाना ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "दोनों मामलों में कप्पन को जमानत मिले महीनों हो गए हैं. हाई कोर्ट ने UAPA मामले में जमानत दे दी थी और उनकी बेगुनाही सामने आ गई. ढाई साल कम वक्त नहीं है. हमने बहुत दर्द और तकलीफ सही है. फिर भी मुझे खुशी है कि देर से ही, इंसाफ मिला." यह पूछे जाने पर कि अब बच्चे कैसा महसूस कर रहे हैं, रेहाना ने कहा, "हमारे बच्चे उनके (कप्पन के) स्वागत का इंतजार कर रहे हैं. उनकी खुशी छीन ली गई थी. वे हर दिन उनका इंतजार कर रहे थे. वे गर्व से कहते हैं, सिद्दीकी कप्पन, एक पत्रकार, उनके पिता हैं." 


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कप्पन के बड़े बेटे मुजम्मिल (19) ने कहा, 'मेरे पिता पत्रकार हैं. ढाई साल से उन्हें इतनी तकलीफ देने का क्या कारण है? हम उनकी आजादी का इंतजार करते रहे. आज बहुत खुश हूं. उन सभी को धन्यवाद, जो हमारे साथ हैं." कप्पन और रेहाना के दो बेटे मुज़म्मिल (19), ज़िधान (14) और एक बेटी मेहनाज़ (9) है. हालांकि, कप्पन की मां कदीजा अपने बेटे को घर वापस आते देखने के लिए अब जीवित नहीं हैं. उनका जून 2021 में निधन हो गया. रेहाना ने बताया, "जब वह जेल में थे, तब उनकी मां का देहांत हो गया था. कदीजा अब कप्पन को देखने के लिए नहीं है." 


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बता दें कि सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तब वे सब हाथरस जा रहे थे, जहां कथित रूप से रेप के बाद एक दलित महिला की मौत हो गई थी. आरोपी को तीन अन्य लोगों- अतीकुर्रहमान, आलम और मसूद - के साथ मथुरा से अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उन तीनों पर पीएफआई के साथ रिश्ते रखने और हिंसा भड़काने की साज़िश का हिस्सा होने का आरोप है.


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