बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद उनके वारिस की तलाश को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कवायद शुरू कर दी है. इस सिलसिले में सोमवार को संसद भवन परिसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा सदर जे पी नड्डा ने एक बैठक की और इस मुद्दे पर चर्चा की है.
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बेंगलुरुः कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पिछले कई माह से जारी संशय पर सोमवार को उस वक्त विराम लग गया जब मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा नेे अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. सोमवार को दोपहर में उन्होंने राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने उनका इस्तीफ़ा कबूल कर लिया है और अगला मुख्यमंत्री चुने जाने तक उन्हें कार्यकारी मुख्यमंत्री के तौर पर अभी पद पर बने रहने का मौका दिया है. अपने इस्तीफे के बाद बीएस. येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लोगों की सेवा करने का मौका दिया गया इसके लिए वो प्रधानमंत्री सहित भाजपा आला कमान के शुक्र्गुजार रहेंगे. उन्होंने कहा कि वो प्रदेश की जनता और पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम सभी को मेहनत के साथ काम करना चाहिए.
वारिस को लेकर शाह और नड्डा ने की बैठक
बी एस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री ओहदे से इस्तीफा देने के बाद उनके वारिस की तलाश को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कवायद शुरू कर दी है. जराया से मिली जानकारी के मुताबिक इस सिलसिले में सोमवार को संसद भवन परिसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा सदर जे पी नड्डा ने एक बैठक की और इस मुद्दे पर चर्चा की है. आज शाम तक भाजपा अपने दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम तय कर लेगी. दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक बेंगलुरु जाएंगे और वहां विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे जहां नए नेता का नाम तय किया जाएगा. येदियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं. ऐसी चर्चा है कि लिंगायत समुदाय के ही किसी प्रभावशाली नेता को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने पर भाजपा में विचार चल रहा है.
There is no quesiton about me leaving the state. I will continue to work for the welfare of the people in Karnataka: Outgoing CM BS Yediyurappa on being asked if he is willing to serve as a Governor pic.twitter.com/JSRq1oUc8F
— ANI (@ANI) July 26, 2021
पार्टी के लिए करते रहेंगे काम
एक दिन पहले यानी इतवार को ही येदियुरप्पा ने कहा था कि वह सीएम के ओहदे पर बने रहेंगे या नहीं, सोमवार को इस बात का पता चल जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह अगले 10 से 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काम करना जारी रखेंगे. येदियुरप्पा ने कहा था कि उन्होंने दो महीने पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर दी थी और दोहराया कि अगर पार्टी नेतृत्व की मर्जी रही तो वह मुख्यमंत्री के ओहदे पर बने रहेंगे और अगर उन्हें यह ओहदा छोड़ने को कहा गया तो इस्तीफा देंगे और पार्टी के लिए काम करेंगे.
दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया: येदियुरप्पा
येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का धन्यवाद किया. भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. येदियुरप्पा ने यहां विधान सौध में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. येदियुरप्पा ने भाषण के दौरान कहा कि उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया. उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं.
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