संसदीय समिति के सामने पेश होंगे वक्फ के अधिकारी; किसानों की जमीन का है मामला
Waqf Board: कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अधिकारी संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. इल्जाम है कि कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने 1500 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया है. संसदीय समति कई राज्यों के प्रतिनिधियों के विचार सुनने वाली है.
Waqf Board: कर्नाटक में कुछ मकामों पर वक्फ की जमीन को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य सरकार के अफसर बृहस्पतिवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने हाजिर होंगे. भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल की सदारत वाली समिति बृहस्पतिवार और शुक्रवार को होने वाली दो दिनों की बैठकों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली की सरकारों के प्रतिनिधियों के विचार सुनने वाली है.
किसानों की जमीन पर कब्जा
दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन भी शुक्रवार को समिति के सामने अपने विचार रखने वाले हैं और इसके बाद दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों की तरफ से सबूत पेश किए जाएंगे. कांग्रेस की कयादत वाली कर्नाटक सरकार के अफसरों की पेशी भाजपा नेताओं के उन दावों पर विवाद के मद्देनजर हो रही है कि राज्य में किसानों की 1500 एकड़ से ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड की तरफ से कब्जा की जा रही है.
समिति ने किसानों से की बात
पाल ने कर्नाटक का दौरा किया था और उन किसानों से बातचीत की थी, जिन्हें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण के ताल्लुक से राज्य सरकार से नोटिस मिले थे. समिति ने राज्य सरकारों को भी खत लिखकर सच्चर समिति की रिपोर्ट के मुताबिक गैर कानूनी तरीके से कब्जा की गई वक्फ जायदाद का ब्योरा मांगा था.
संसदीय समिति को मिला वक्त
लोकसभा ने बीते 28 नवंबर को इस संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी थी. सरकार ने वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक गत आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक एवं चर्चा के बाद संयुक्त समिति को भेजने का फैसला हुआ था.
वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम
इस विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है, जिनमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है. वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है.