जेल से रिहा होंगे मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी; निशाने पर ब्राह्मण वोटर्स
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जेल से रिहा होंगे मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी; निशाने पर ब्राह्मण वोटर्स

Madhumita Shukla murder case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी बीवी 25 अगस्त को रिहा हो जाएगी. इस रिहाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में हल चल मच गई है. 

 

जेल से रिहा होंगे मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी; निशाने पर ब्राह्मण वोटर्स

UP News: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी बीवी को सरकार जेल से रिहा करेगी. रिहाई के आदेश की खबर मिलते ही बाहुबली नेता के समर्थकों में खासा जोश देखने को मिल रहा है. जहां महाराजगंज जिले के नौतनवा विधानसभा में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के घर पर हिमायतियों ने खुशी मनाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाई और पटाखे फोड़े.

पूर्व मंत्री कवियत्री मधुमिता शुक्ला के हत्या के इलज़ाम में उम्र कैद की सजा काट रहे थे. समर्थकों ने खुशी जाहिर करते हुए गवर्नर और प्रदेश के सीएम को मुबारकबाद दी है, और कहा कि अब मंत्री के रिहाई होने से हम लोगों को ऑक्सीजन मिलेगा.जानकार बता रहे हैं कि योगी सरकार इस रिहाई के बहाने प्रदेश के ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी. सरकार के इस फैसले से रूठे हुए ब्राहमण वोटर्स एक बार फिर योगी पर अपना भरोसा जताने के लिए मजबूर होंगे.

पूर्व मंत्री का चल रहा है इलाज
लगभग 20 सालों से जेल में बंद होने के बाद 25 अगस्त को सर्वोच्च न्यायलय के एक आदेश के बाद दोनों शौहर बीवी रिहा होंगे. लेकिन इस रिहाई को लेकर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं उनके अच्छे रवैये को देखते हुए यूपी के गवर्नर ने रिहाई का आदेश दिया है. फिलहाल अमरमणि त्रिपाठी अभी बीमार हैं और मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा है.

कवियत्री की बहन ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी 
इस रिहाई के आदेश के बाद कवियत्री मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है और उन्हें चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा,"अमरमणि को छोड़ना बिल्कुल इंसाफ के लायक नहीं है. CBI जांच में मुजरिम और एक आपराधिक प्रवृत्ति के आदमी को सरकार कैसे छोड़ सकती है? जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका की सुनवाई हो रही है. राज्यपाल महोदया खुद एक महिला हैं; कम से कम उनको उस भयावह मधुमिता हत्याकांड की घटना के तथ्यों से बखूबी अवगत होना चाहिए कि वह बड़ी भयावह घटना थी".

क्या है पूरा मामला?
कवयित्री मधुमिता को 9 मई 2003 में लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वो गर्भवती थीं. जिसके बाद सितंबर 2003 में कवि की हत्या के सिलसिले में बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी  को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. साल 2007 में देहरादून की एक अदालत अमरमणि त्रिपाठी और उनकी बीवी मधुमणि त्रिपाठी हत्या का आरोपी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. 

 

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