Kedarnath landslide: 10 जुलाई को जोशीमठ में भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया था. राहत की बात थी कि इस दौरान जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, चार धाम यात्रियों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
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Kedarnath landslide: उत्तराखंड के गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक बड़ा हादसा हुआ. यहां भूस्खलन की वजह से तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि दो दूसरे यात्री जख्मी हो गए. घटना केदारनाथ पैदल मार्ग के चिरबासा की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से अचानक मलबा गिर गया. इस दौरान वहां से कुछ तीर्थयात्री गुजर रहे थे. मलबे की चपेट में आने से तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और दो जख्मी हो गए हैं.
मलबे में दब गए लोग
घटना की जानकारी मिलते ही गौरीकुंड पुलिस और डीडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची. रेस्क्यू टीमों ने घटनास्थल से तीर्थयात्रियों को हटाया. इसके साथ ही उन्होंने भूस्खलन को देखते हुए रास्ते को बंद कर दिया. इसके साथ ही सभी घायलों को गौरीकुंड के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, चश्मदीदों ने बताया कि अचानक ही पहाड़ टूटकर गिरने लगे कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही मलबे के नीचे लोग दब गए.
10 जुलाई को जोशीमठ में हुआ था भूस्खलन
इससे पहले बीते 10 जुलाई को जोशीमठ में भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया था. राहत की बात थी कि इस दौरान जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, चार धाम यात्रियों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
10 मई से शुरू हुई ती यात्रा
वाजेह हो कि इस वक्त केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. केदारनाथ यात्रा 10 मई से शुरू हुई थी. अब तक 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए केदारनाथ आ चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जिस दिन केदारनाथ के कपाट खुले थे. उसी दिन ही लगभग 20 हजार से ज्याादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे.