नई दिल्ली: गुज़िश्ता दिनों शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने कुरान की 26 आयतों को आतंक हिमायती बताते हुए उन्हें कुरान से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की थी. रिजवी की इस PIL पर मुस्लिम समाज में गमो गुस्से की लहर है. मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि कुरान से 26 आयतो तो दूर एक ज़बर जे़र भी नहीं हटाया जा सकता है. 


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इसी दिशा में मौलाना मौलाना कल्बे जवाद (Maulana Kalbe Jawad) ने वसीम रिजवी के खिलाफ रैली निकालने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि हम इस PIL के खिलाफ "तहफ्फुज-ए-कुरान" रैली करेंगे. मौलाना कल्बे जवाद ने सभी शिया-सुन्नी व अन्य धर्म के लोगों से रैली में शामिल होने की अपील की है. 


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क्या कहना है वसीम रिजवी का?
बता दें कि वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए PIL दाखिल की थी. उन्होंने कहा था कि यह आयतें आतंक को बढ़ावा देती हैं. इन्हीं आयतों के ज़रिए नौजवान कट्टरपंथी की जानिब बढ़ रहे हैं. रिजवी ने कहा था कि पैगमंबर हज़रत मोहम्मद साहब के इंतेकाल के बाद तीनों खलीफाओं ने ताकत का इस्तेमाल कर इन आयतों को बाद में कुरान में शामिल किया गया. 


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"कुरान से एक बिंदू भी हटाया जा सकता"
वसीम रिजवी की इस PIL की खबरें सामने आने के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने रिजवी का विरोध किया है. मौलाना यासूब अब्बस ने कहा था कि  26 आयतें हटाना तो दूर की बात है, क़ुरान से एक शब्द या एक बिंदु भी नहीं निकाला जा सकता. वसीम रिज़वी जैसे लोगों के द्वारा सिर्फ इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है. क़ुरान पाक आतंकवाद की दावत देता है, यह कहना बिल्कुल ग़लत है. क़ुरान अमन का पैग़ाम देता है.


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