'इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया' वाली खबरों पर सरकार समेत चैनलों को HC का नाटिस
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'इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया' वाली खबरों पर सरकार समेत चैनलों को HC का नाटिस

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कई मीडिया संस्थानों, सरकार और गूगल ट्विटर को नोटिस जारी किया और खबरों के लिंक ब्लॉक करने को कहा है, जिनमें दावा किया गया है कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने महिला को मज़हब इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया है. जानिए आखिर मामला क्या है. 

'इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया' वाली खबरों पर सरकार समेत चैनलों को HC का नाटिस

मीडिया और सोशल मीडिया पर धर्म परिवर्तन की खबरें आपने बहुत पढ़ी और सुनी होंगी लेकिन अब इस मामले में अदालत सख्त हो गई है. एक मामले सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों, ट्विटर और गूगल समेत कई मंचों पर उन वीडियोज और खबरों के लिंक ब्लॉक करने को कहा है, जिनमें दावा किया गया है कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने महिला को मज़हब इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया है. 

चैनल, सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी:

हाई कोर्ट ने उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय प्रेस परिषद, समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (एनबीडीएसए) और गूगल एलएलसी व ट्विटर इंक को नोटिस जारी किया. इतना ही नहीं अदालत ने 'सुदर्शन न्यूज' (Sudarshan News) के अध्यक्ष सुरेश चव्हाणके, ओडिशा टेलीविजन लिमिटेड, पिट्टी मीडिया एलएलपी, भारत प्रकाशन (दिल्ली) लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया जो 'द ऑर्गनाइजर, वॉयस ऑफ द नेशन' का मालिक है. 

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हाई कोर्ट ने पक्षकारों से मांगा जवाब:

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह आदेश पारिस करते हुए कहा कि यह एक गंभीर खतरा है. जो खबरों और ऑनलाइन मौजूद वीडियो पर दर्शकों के ज़रिए की कमेंट्स से साफ जाहिर हो रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पक्षकारों से उस शख्स के ज़रिए दाखिल याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसके खिलाफ एक महिला ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया है. हाई कोर्ट ने मुकदमें की अगली सुनवाई 24 मई तय कर दी है. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल खुद को मशहूर शास्त्रीय संगीत का उस्ताद (टीचर) कहने वाले अजमत अली ने यह याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की थी. अजमत अली खान ने दिल्ली की रहने वाली एक महिला के ज़रिए दर्ज कराई गई FIR के संबंध में ऑनलाइन पब्लिश होने वाली खबरों और वीडियो को हटाने की मांग की है. FIR में महिला ने शास्त्रीय संगीत टीचर पर धर्मांतरण के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. सुनवाई के दौरान अली के वकील ने कहा कि लोगों में नफरत फैलाने के मकसद से इस तरह की खबरें और वीडियोज प्रकाशित की जाती हैं. 

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