बता दें कि उमर अब्दुल्ला मीटिंग में शामिल होने वाले उन 5 नेताओं में शामिल थे जो तीन घंटे चली मीटिंग के दौरान कुछ भी नहीं बोले.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की सभी सियासी पार्टियों के साथ प्रधानमंत्र मोदी की मीटिंग के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि धारा 370 की बहाली की मांग करना बेवकूफी है. मौजूदा सरकार की तरफ से इसे बहाल करने के कोई इशारे नहीं मिलते हैं. इंडियन एक्स्प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोगों को यह कहकर मूर्ख नहीं बनाना चाहते कि हम इन मीटिंग्स के जरिए 370 वापस लाएंगे.
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मीटिंग में 370 की मांग ना रखने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि हमने इसे छोड़ दिया. हम इस मुद्दे को कानूनी, पुरअम्न और कानूनी तरीके से आगे ले जाएंगे. उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 370 का हटाने भाजपा के एजेंडे को पूरा होने में 70 लाख लग गए हैं और हमारी जिद्दोजहद का तो अभी आगाज ही हुआ है.
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बता दें कि उमर अब्दुल्ला मीटिंग में शामिल होने वाले उन 5 नेताओं में शामिल थे जो तीन घंटे चली मीटिंग के दौरान कुछ भी नहीं बोले. भास्कर की एक खबर के मुताबिक अन्य चार नेताओं में निर्मल सिंह, तारा चंद, गुलाम-ए-मीर और रविंदर रैना भी मीटिंग में शांत ही रहे थे.
इसके अलावा पीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बयान में कहा है कि जब राज्य का खास दर्जा यानी 370 बहाल नहीं किया जाता तब तक वो चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगी.
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उन्होंने कहा कि मैंने कई बार साफ तौर पर कहा है कि मैं केंद्रशासित प्रदेश के तहत कोई चुनाव नहीं लड़ूंगी लेकिन साथ ही मेरी पार्टी इस सच्चाई से भी आगाह है कि हम किसी को सियासी जगह नहीं लेने देंगे. हमने पिछले साल जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ा था. इसी तरह अगर विधानसभा चुनाव का ऐलान होता है तो पार्टी बैठकर चर्चा करेगी.'
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