शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 19,911 स्वीकृत शिक्षण पद हैं जिनमें से छह हजार ओहदा खाली पड़े हैं. सबसे ज्यादा टीचिंग पद दिल्ली विश्वविद्यालय में खाली पड़े हैं.
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नई दिल्लीः सरकार ने जुमेरात को तस्लीम किया है कि मुल्क के कम से कम 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 40 प्रतिशत से ज्यादा स्वीकृत शिक्षण पद खाली पड़े हैं और इनमें से दो इदारों में 70 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं. शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी है. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल एक अप्रैल तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 33.4 फीसदी शिक्षण पद और 37.7 प्रतिशत गैर शिक्षण पद रिक्त पड़े थे. शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 19,911 स्वीकृत शिक्षण पद हैं जिनमें से छह हजार ओहदा खाली पड़े हैं. सबसे ज्यादा टीचिंग पद दिल्ली विश्वविद्यालय में खाली पड़े हैं. इस विश्वविद्यालय में स्वीकृत शिक्षण पद 1,706 हैं जिनमें से 846 खाली हैं. इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नंबर आता है जहां 863 स्वीकृत शिक्षण पदों में से 598 पद रिक्त हैं. आंकड़ों के मुताबिक, कुल 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत से ज्यादा यानी 23 में 30 फीसदी से ज्यादा रिक्तियां हैं जबकि मात्र तीन विश्वविद्यालयों में 20 फीसदी से कम रिक्तियां हैं.
लद्दाख में 750 करोड़ की लागत केंद्रीय विश्वविद्यालय बनेगा
केंद्र सरकार ने 750 करोड़ की लागत से लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय कायम करने की मंजूरी दी है. केंद्र सरकार के मुताबिक इससे मकामी नौजवानों के बौद्धिक कौशल को प्रज्वलित करने, ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की सुविधा और लद्दाख, लेह और कारगिल क्षेत्रों के समग्र विकास और विकास को बढ़ावा देने में मदद होगी. शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इससे नई शिक्षा नीति के अनुरूप उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा और युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे.
130 मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी
केंद्र सरकार के जरिए प्रायोजित ‘राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’ (आरयूएसए) योजना के तहत 130 मॉडल डिग्री कॉलेज मुल्क के शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों में खोले जाने की मंजूरी दी गई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने 374 पिछड़े जिलों की पहचान की है जहां 2001 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, उच्च शिक्षा में सकल भर्ती अनुपात (जीईआर) 12.4 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से कम है. आरयूएसए योजना के तहत सबसे अधिक 26 मॉडल डिग्री कॉलेज उत्तर प्रदेश में स्वीकृत किए गए हैं जबकि ओडिशा के लिए 14 और छत्तीसगढ़ के लिए 10 मॉडल डिग्री कालेजों को मंजूरी दी गई है.
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