पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ रशीद अहमद (Interior Minister Sheikh Rashid Ahmed) बताया कि साल 1997 के 'आंतकवाद विरोधी क़ानून' के नियम 11-बी के तहत 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' पर पाबंदी लगाई गई है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी हुकूमत ने बुधवार को कट्टरपंथी मज़हबी राजनीतिक दल 'तहरीक-ए-लब्बैक' (Tehreek-i-Labaik Pakistan) पर 'आंतकवाद विरोधी क़ानून' के तहत प्रतिबंध लगा दिया.
पिछले तीन चार दिनों से पाकिस्तान भर में 'तहरीक-ए-लब्बैक' (Tehreek-i-Labaik Pakistan) के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हो रही है, जिसके नतीजे में अब तक करीब आधे दर्जन लोग मारे जा चुके हैं और 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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पाकिस्तान के गृह मंत्री ने किया कहा
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ रशीद अहमद (Interior Minister Sheikh Rashid Ahmed) बताया कि साल 1997 के 'आंतकवाद विरोधी क़ानून' के नियम 11-बी के तहत 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' पर पाबंदी लगाई गई है. पंजाब सरकार ने पाबंदी लगाने की गुज़ारिश की थी और केंद्र सरकार ने पंजाब सकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है.
शेख़ रशीद अहमद (Sheikh Rashid Ahmed) ने बताया कि पिछले दो दिनों में 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' के समर्थकों के साथ झड़प में कम से कम दो पुलिस वाले मारे गए हैं जबकि 340 लोग घायल हुए हैं. शेख़ रशीद अहमद कहना है कि ये प्रतिबंध 'तहरीक-ए-लब्बैक' पर राजनीतिक स्थिति के कारण नहीं बल्कि इस दल की कर्रतूतों के कारण लगई जा रही है. मैंने इस पार्टी का कभी समर्थन नहीं किया है और न ही मैं कभी खादिम हुसैन से मिला हूं.
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क्या है मामला
गौरतलब है कि 'तहरीक-ए-लब्बैक' (Tehreek-i-Labaik Pakistan) के अध्यक्ष मौलवी साद हुसैन रिज़वी (Saad Hussain Rizvi) को करीब तीन निद पहले हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया था, इसके बाद से इस दल के समर्थकों ने मुल्क भर में विदोध प्रदर्शन छेड़ रखा है.
टीएलपी की मांग किया है?
पैग़म्बर मोहम्मद के रेखाचित्र के प्रकाशन के विरोध में 'तहरीक-ए-लब्बैक' ने मांग कर रखी है कि फ्रांस के राजदूत को देश से निकाल दिया जाए और 20 अप्रैल तक मांग पूरी न होने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है.
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तहरीक-ए-लब्बैक के विरोध की पृष्ठभूमि
तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-i-Labaik Pakistan) ने इस साल फरवरी में फ्रांस में प्रकाशित निन्दात्मक स्केच का विरोध किया था, फ्रांसीसी राजदूत को निर्वासित करने और फ्रांसीसी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
पाकिस्तनाी हुकूमत ने पिछले साल 16 नवंबर तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-i-Labaik Pakistan) के साथ एक समझौता किया था, जिसमें तय पाया था कि 16 फरवरी तक मुल्क से फ्रांसीसी राजदूत को निकाल दिया जाएगा और इस बारे में संसद में कारदाद पेश की जाएगी. लेकिन जब 16 फरवरी की तारीख आई तो सरकार ने समझौते को लागू करने के लिए और समय मांगा. इसके बाद टीएलपी ने 20 अप्रैल तक ढाई महीने के लिए अपना विरोध स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की.
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इस संबंध में, मौलवी साद हुसैन रिज़वी (Saad Hussain Rizvi) ने पिछले रविवार को एक वीडियो संदेश में टीएलपी कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर सरकार समय सीमा के अनुसार मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो उन्हें विरोध करने के लिए तैयार रहना चाहिए. वीडियो संदेश जारी करने के बाद सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
टीएलपी नेता (Saad Hussain Rizvi) की गिरफ्तारी के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और धरने शुरू हो गए जो कुछ स्थानों पर हिंसक हो गए.
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