BJP को कभी दुश्मन मानने वाले पीस पार्टी के चीफ डॉ. अय्यूब करेंगे NDA से गठबंधन; दिया ये बड़ा संकेत
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BJP को कभी दुश्मन मानने वाले पीस पार्टी के चीफ डॉ. अय्यूब करेंगे NDA से गठबंधन; दिया ये बड़ा संकेत

UP News: पसमांदा मुस्लिम समाज से एवं पूर्वी यूपी के गोरखपुर जिले से आने वाले सर्जन डॉक्टर अयूब ने वर्ष 2008 में पीस पार्टी का गठन किया था और 2009 में 20 सीट पर लोकसभा इलेक्शन में कैंडिडेट उतारे थे. 

BJP को कभी दुश्मन मानने वाले पीस पार्टी के चीफ डॉ. अय्यूब करेंगे NDA से गठबंधन; दिया ये बड़ा संकेत

UP News: पीस पार्टी के चीफ डॉ. अय्यूब ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का कोई दुश्मन नहीं है. यानी वो किसी भी दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं. अयूब ने कहा कि NDA, INDIA और बहुजन समाज पार्टी से भी हाथ मिलाने को तैयार हैं. इससे ठीक एक साल पहले उन्होंन बीजपी की अगुआई वाली NDA गठबंधन को मुसलमानों का दुश्मन बताया था और उन्होंने कहा था कि किसी भी सूरत में NDA का समर्थन नहीं करेंगे. क्योंकि हम दुश्मन के साथ नहीं जा सकते हैं.

एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने पीस पार्टी के चीफ से पूछा था कि क्या बीजेपी उनके लिए अछूत पार्टी नहीं रही? इस पर उन्होंने कहा, ''बीजपी नहीं, अब  NDA हमारे लिए अछूत नहीं रहा. बीजेपी और राजग में अंतर है. राजग एक गठबंधन है, जिसमें कई दल शामिल हैं.'' अयूब ने गठबंधन के लिए सिर्फ यह शर्त रखी है कि जो भी दल या गठबंधन उनकी पार्टी को कम से एक एक सीट देगा, वह उसके साथ जाएगी. 

डॉक्टर अयूब ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''पीस पार्टी गठबंधन कर 2024 का लोकसभा इलेक्शन लड़ेगी. पार्टी ने तय किया है कि एनडीए, (विपक्षी दलों का गठबंधन) 'इंडिया' और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) तीनों में से जो भी हमें हिस्सेदारी देगी, उसके साथ गठबंधन करके इलेक्शन लड़ा जाएगा.'' 

हालांकि, अभी उनकी किसी से इस सिलसिले में बातचीत नहीं हुई है. यह पूछे जाने पर कि गठबंधन के लिए उनकी क्या शर्त होगी, उन्‍होंने कहा, "कोई शर्त नहीं है लेकिन, किसी पार्टी या गठबंधन का गुलाम बनने की बजाय हिस्सेदार बनना पसंद करेंगे. हमारे लिए सब बराबर हैं. हमारा दोस्त वही है जो हमें हिस्सेदार बनाए. हमारे लिए कोई अछूत नहीं, कोई दुश्मन नहीं है. हमारे लिए राजग, ‘इंडिया’, बसपा सब एक समान हैं.'' 

यह पूछे जाने पर कि वह गठबंधन के तहत इलेक्शन लड़ने के लिए कितनी सीट चाहते हैं, उन्‍होंने कहा,''जो कुछ हमारी हिस्सेदारी बनती हो. दो-तीन सीट मिल जाए. हमारी हिस्सेदारी हो और कम से कम एक सीट तो मिलना ही चाहिए. अब पार्टी की रणनीति बिल्कुल साफ है कि हमें अपना वोट बैंक बनाने की बजाए हिस्सेदारी देने वाले के साथ जाना चाहिए.’’

उन्‍होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि हम वोट बैंक न बनें. सत्ता में हमारी हिस्सेदारी हो और हमारी भी बात सुनी जाए.” पसमांदा मुस्लिम समाज से एवं पूर्वी यूपी के गोरखपुर जिले से आने वाले सर्जन डॉक्टर अयूब ने वर्ष 2008 में पीस पार्टी का गठन किया था और 2009 में 20 सीट पर लोकसभा इलेक्शन में कैंडिडेट उतारे थे. पार्टी एक भी सीट जीत नहीं सकी थी, लेकिन करीब एक फीसद वोट पाकर उन्‍होंने राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.  

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