मन की बात में बोले मोदी: कारगिल में हिंदुस्तानी फौज ने जो हिम्मत दिखाई उसे पूरी दुनिया ने देखा
पीएम मोदी ने कहा, `पाकिस्तान में बड़े-बड़े मंसूबे पालकर हिंदुस्तान की ज़मीन कब्ज़ाने और अपने यहां चल रहे अंदरूना फूट से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था.
नई दिल्ली: वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' के ज़रिए मुल्क को खिताब करते हुए कहा कारगिल विजय दिवस के 21 साल मुकम्मल होने पर शहीदों को खिराजे अकीदत पेश किया और कहा कि आज कारगिल विजय दिवस है. 21 साल पहले आज ही के दिन करगिल में हमारी फौज ने हिंदुस्तान की फतह का झंडा लहराया था. कारगिल की जंग किन हालात में हुई थी, वह हिंदुस्तान कभी नहीं भूल सकता.
वज़ीरे आज़म ने अटल बिहारी वाजपेयी का ज़िक्र करते हुए कहा कि अटल जी ने कहा था कि कारगिल जंग ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है, ये मंत्र था, कि, कोई अहम फैसला लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस फौजी की इज्ज़त के मुताबिक है जिसने उन नाकाबिले रसाई पहाड़ियों में अपने ज़िंदगियों की कुर्मबानी दी थी. वज़ीरे आज़म ने कहा कि आजकल, जंग सिर्फ सरहदों पर ही नहीं लड़े जाती हैं बल्कि मुल्क में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ी जाती है, और, हर एक मुल्कवासी को उसमें अपना किरदार तय करनी होती है.
पीएम मोदी ने कहा, "पाकिस्तान में बड़े-बड़े मंसूबे पालकर हिंदुस्तान की ज़मीन कब्ज़ाने और अपने यहां चल रहे अंदरूना फूट से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था. हिंदुस्तान और पाकिस्तान से अच्छे रिश्तों के लिए कोशिश करता था. बुराई की फितरत भी होती है, हर किसी से बगैर वजह दुश्मनी करना ऐसी फितरत के लोग जो फायदा करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं. इसलिए हिंदुस्तान की दोस्ती के जवाब में पाकिस्तान के के ज़रिए पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश हुई थी लेकिन इसके बाद जो हिंदुस्तानी की बहादुर फौज ने जो हिम्मत दिखाई उसे पूरी दुनिया ने देखा."
कोरोना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गुज़िश्ता कुछ महीनों से पूरे मुल्क ने मुत्तहिद होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने कई खदशात को गलत साबित कर दिया है. आज, हमारे मुल्क में recovery rate दीगर मुल्कों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही, हमारे मुल्क में कोरोना से मौत की शरह भी दुनिया के ज्यादातर मुल्कों से काफ़ी कम है.
वज़ीरे आज़म ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. हमें बहुत ही ज्यादा मोहतात रहने की ज़रूरत है. चेहरे पर मॉस्क लगाना या गमछे का इस्तेमाल करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ़ सफाई का पूरा ख्याल रखना, यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं आप से गुज़ारिश करता हूं कि जब भी आपको मास्क की वजह परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है, तो पल-भर के लिए उन डॉक्टर को याद कीजिये, उन नर्सों को याद कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स को याद कर लीजिए .
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