नई दिल्ली: गाजियाबाद के लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. जिसमें कर्नाटक हाई कोर्ट ने ट्विटर एमडी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर 29 जून तक रोक लगा दी थी. 


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इतना ही नहीं खुद ट्विटर एमडी ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर कहा था कि पुलिस की अर्जी पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए. याद रहे कि कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने इस मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी को अंतरिम जमानत दे दी थी. 


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अदालत ने कहा था कि गाजियाबाद पुलिस ट्विटर एमडी मनीष माहेश्वरी से सिर्फ वर्चुअली पूछताछ कर सकती है. अदालत ने यह फैसला मनीष माहेश्वरी के नोटिस पर चुनौती के दौरान दिया था. दरअसल मनीष ने गाजियाबाद पुलिस के नोटिस को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.


क्या है पूरा मामला:
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें में दावा किया गया कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को चार लोगों ने मिलकर बुरी तरह पीटा था, उससे जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए. इतना ही नहीं उस मुस्लिम बुजुर्ग की दाढ़ी काट दी गई. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. गाजियाबाद पुलिस ने वायरल वीडियो में किए गए इन सभी दावों के पीछे की असली वजह बताई.


पुलिस ने कहा उन्होंने एफआईआर दर्ज कर ली है और इस मामले में परवेश गुर्जर को घटना में शामिल होने के इल्जाम में गिरफ्तार किया है. यह घटना 5 जून की है, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी दो दिन बाद दी गई थी. पुलिस का कहना है कि इस पूरी वारदात के पीछे की वजह तांत्रिक साधना है. बुजुर्ग तावीज बनाने का काम करता था. जिसको लेकर यह घटना पेश आई.


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