नई दिल्ली: पिछले साल केंद्रीय सरकार के खिलाफ नागरिक संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग कई महीनों तक हुए प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराना फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है.


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अदालत ने कहा कि अपने हमने सिविल अपील पर पुनर्विचार याचिका और रिकॉर्ड पर गौर किया है. हमने उसमें कोई गलती नहीं पाई. यह फैसला जस्टिस एसके कौल, जस्टिस अनुरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनाया है. 


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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक प्रदर्शन करके सार्वजनिक स्थानों पर दूसरों के अधिकारों को प्रभावित नहीं किया जा सकता. विरोध का हक जगह नहीं हो सकता. 


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बता दें कि सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में प्रोटेस्ट करने वाली महिलाओं ने यह अर्ज़ी दाखिल की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए दिए गए फैसले पर अदालत उसपर सुनवाई करे. 


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