Covid Compensation: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह राशि के भुगतान के संबंध में दाखिल हलफनामे पर राजस्थान सरकार की खिंचाई की. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार का हलफनामा असंतोषजनक है और वह परोपकार नहीं कर रही है. अदालत ने कहा कि जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को कोविड-19 में खो दिया था, उनके साथ सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, "राजस्थान सरकार ने पहले इस मामले में आश्वासन दिया था. वह कोई चैरिटी नहीं कर रही है." पीठ ने राज्य सरकार को इस मामले में एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया.


शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई


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राजस्थान सरकार के वकील ने पीठ को सूचित किया कि राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का हलफनामा बिल्कुल संतोषजनक नहीं है. पीठ ने वकील को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी और मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी तय की.


सरकार नहीं दे रही मुआवजा


शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजस्थान सरकार 2021 के आदेश का पालन नहीं कर रही है, जिसमें राज्य सरकारों को कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. 


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फर्जी दावों पर अदालत ने जताई चिंता


इस साल मार्च में शीर्ष अदालत ने कोविड-19 के मुआवजे के लिए किए गए फर्जी दावों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसी को भी बीमारी के शिकार लोगों के परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. 


मुआवजे का न करें दुरुपयोग


शीर्ष अदालत ने मार्च में कहा, "इस न्यायालय ने भारत के संघ/एनडीएमए/संबंधित राज्यों को मानवता को ध्यान में रखते हुए और परिवार के सदस्यों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए अनुग्रह राशि का भुगतान करने का आदेश पारित किया, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने परिवार के सदस्यों में से एक को खो दिया था. इसलिए, किसी को भी इसका दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और यह नैतिकता के खिलाफ भी है, जिसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता.


मुआवजे के वितरण पर अदालत ने दिए थे निर्देश


इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कोविड-19 के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को मुआवजे के रूप में एनडीएमए द्वारा निर्धारित 50,000 रुपये के वितरण के संबंध में विभिन्न राज्य सरकारों की निगरानी करते हुए विभिन्न निर्देश जारी किए थे.


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