न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने जोर देकर कहा कि हालांकि केंद्र के पास कार्यकाल बढ़ाने की ताकत है लेकिन यह सिर्फ असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर एस.के. मिश्रा के कार्यकाल को पिछले साल मई में रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंचने के बावजूद नवंबर 2021 तक बनाए रखने के केन्द्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि उन्हें और कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता है.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने जोर देकर कहा कि हालांकि केंद्र के पास कार्यकाल बढ़ाने की ताकत है लेकिन यह सिर्फ असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा, कोई और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए, याचिका खारिज की जाती है. अदालत का फैसला एनजीओ कॉमन कॉज की एक जनहित याचिका पर आया है जिसमें ईडी के डायरेक्टर के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती दी गई है.
एनजीओ की अर्जी में कहा गया है कि केंद्र ने 18 नवंबर, 2018 के नियुक्ति आदेश को पूर्वव्यापी तौर पर संशोधित करके मिश्रा को ईडी डायरेक्टर के तौर पर एक और साल प्राप्त करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए एक घुमावदार रास्ता अपनाया है. एनजीओ ने अपनी अर्जी में तीन प्रतिवादी बनाए हैं, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय; वर्तमान ईडी निदेशक और केंद्रीय सतर्कता आयोग.
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