नई दिल्लीः राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवारी को लेकर क्यास और खेमेबाजी का दौर शुरू हो गया है. विपक्ष 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार उतार सकता है और इसको लेकर बातचीत भी शुरू हो चुकी है.  हालांकि आंकड़े उसके अनुकूल नहीं दिखते हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ विपक्षी दलों के नेताओं से राब्ता कायम किया है और साझा उम्मीदवार के संदर्भ में उनकी राय जानी है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

‘साझा उम्मीदवार’ पर चर्चा 
सूत्रों के मुताबिक, कुछ विपक्षी दलों की राय है कि उन्हें सत्तापक्ष को वाकओवर नहीं देना चाहिए, बल्कि चुनौती पेश करनी चाहिए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद विनय विश्वम ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए ‘साझा उम्मीदवार’ पर चर्चा के लिए उनसे संपर्क किया है. मैंने उनसे कहा कि भाकपा ऐसे किसी भी साझा उम्मीदवार का समर्थन करेगी जो धर्मनिरपेक्ष विचार वाला हो और प्रगतिशील नजरिया रखता हो. उन्होंने जवाब दिया कि सोनिया गांधी जी और कांग्रेस पार्टी का भी यही रुख है.’’ विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. आपस में रजामंदी बन जाने के बाद साझा उम्मीदवार खड़ा किया जा सकता है.  


विपक्ष के पास हैं इतने वोट 
आंकड़ों पर नजर डालें तो राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. राजग के पास कुल 10,86,431 में से करीब 5,35,000 वोट हैं. राजग के उम्मीदवार को अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसी कुछ पार्टियों का भी हिमायत मिल सकती है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पास सांसदों के 1.5 लाख से ज्यादा वोट हैं और करीब इस संख्या में उसे विधायकों के भी वोट मिलेंगे. पिछले के कुछ चुनावों में भी विपक्ष के उम्मीदवार को तीन लाख से थोड़ा ज्यादा वोट मिलते रहे हैं. आगामी चुनाव में 4,809 निर्वाचक होंगे, जिनमें 776 सांसद और 4,033 विधायक होंगे. इनमें 223 राज्यसभा सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल हैं.


Zee Salaam