Bihar Politics: जनता दल (यूनाइटेड) ने आज यानी 29 जून को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की, जिसमें पार्टी सुप्रीमो और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा का मुद्दा उठाया है. सूत्रों के मुताबिक, बिहार के लिए विशेष दर्जा देने की मांग इस समय महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी केंद्र में सत्ता बनाए रखने के लिए कुमार की जेडी(यू) के समर्थन पर निर्भर है, जिसके पास नवनिर्वाचित लोकसभा में 12 सांसद हैं. 


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नीतीश ने लिया संकल्प
इस बैठक की अध्यक्षता कुमार ने की, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों और जेडी(यू) नेताओं सहित सभी पार्टी सांसदों ने हिस्सा लिया. पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडी(यू) का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है. जेडी(यू) के अंदरूनी सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगने का संकल्प लिया है, जो लंबे समय से मांग रही है. बैठक के दौरान पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में इस मांग को दोहराया गया. राज्य के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज की भी मांग की जा सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के राजनेता लंबे समय से राज्य के आर्थिक पिछड़ेपन का हवाला देते हुए विशेष राज्य दर्जा की वकालत करते रहे हैं. 


आरक्षण पर आमने-सामने
इसके अलावा, जेडी(यू) ने मांग की है कि केंद्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बढ़े हुए आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करे, जबकि पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पहले जाति सर्वेक्षण के आधार पर पिछड़े वर्गों को 65 फीसद कोटा देने के बिहार सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है.


इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और उनके मार्गदर्शन में आगामी विधानसभा चुनावों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. बिहार में अक्टूबर 2025 में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान होने की उम्मीद है. पार्टी 2024 के झारखंड चुनावों में उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है और मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.