UP Assembly Election: शुरू हुई विमर्श यात्रा, सलमान नदवी ने लखनऊ से किया आगाज़, जानिए मकसद
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UP Assembly Election: शुरू हुई विमर्श यात्रा, सलमान नदवी ने लखनऊ से किया आगाज़, जानिए मकसद

यात्रा की शुरुआत से पहले लखनऊ में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद तमाम छोटे-बड़े समुदाय के लोगों को एकजुट करना है 

UP Assembly Election: शुरू हुई विमर्श यात्रा, सलमान नदवी ने लखनऊ से किया आगाज़, जानिए मकसद

लखनऊ/अहमर हुसैन: ओबीसी/एससी/एसटी अल्पसंख्यक वोट की सियासत तमाम राजनैतिक पार्टियां करती आई है लेकिन अब उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसे छोटे राजनीतिक दल भी हैं जो इन पर अपना कब्जा जमाने के लिए और बड़ी राजनीतिक पार्टियों पर अपने हिस्सेदारी का दबाव बनाने के लिए महागठबंधन विमर्श यात्रा के नाम पर उत्तर प्रदेश में लोगों को एकजुट करने का काम कर रही हैं. जिसका आग़ाज़ लखनऊ से किया गया है. 

मुस्लिम धर्मगुरु और स्कॉलर मौलाना सलमान नदवी की अध्यक्षता में इन तमाम राजनैतिक पार्टियों ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विमर्श यात्रा के दौरान यह सभी लोग ओबीसी एसटी अल्पसंख्यक से जुड़े लोगों से मुलाकात करेंगे और उनसे अपील करेंगे कि जनसंख्या के अनुपात में सत्ता और सियासत में भागीदारी की लड़ाई लड़ने के लिए सभी लोग एकजुट हो. यह विमर्ष यात्रा बरेली, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़, एटा और फर्रुखाबाद होते हुए कन्नौज जाएगी. इस यात्रा के पहले चरण में इन शहरों में लोगों को एकजुट करने का काम किया जाएगा तो वही दूसरे चरण की यात्रा कानपुर से शुरू की जाएगी.

शिया-सुन्नी को साथ लेकर चलेंगे: सलमान नदवी
यात्रा की शुरुआत से पहले लखनऊ में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद तमाम छोटे-बड़े समुदाय के लोगों को एकजुट करना है और मानवता का संदेश देना है. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिया सुन्नी भाईचारे को उत्तर प्रदेश में और बढ़ाना है जिससे मुसलमानों में इत्तेहाद का परचम बुलंद किया जा सके और 2022 के विधानसभा चुनाव में मुसलमान एकजुट होकर अपना वोट किसी एक ऐसी पार्टी को दें जो मुस्लिम समाज के मुद्दों पर गौर करने का वादा करें. 

AIMIM को लेकर नदवी ने दिया बड़ा बयान
इस दौरान सलमान नदवी ने असदुद्दीन ओवैसी की भी हिमायत की. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की तरफ से हिमायत दी जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जबकि असदुद्दीन ओवैसी पर्सनल ला बोर्ड के मेंबर हैं. बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड पहले ही यह साफ कर चुका है कि वह किसी भी सियासी जमात को समर्थन या उसकी हिमायत में वोट देने की अपील नहीं करेगा. पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसनी नदवी ने मुसलमानों से पहले ही अपील कर चुके हैं कि वह अपना वोट अपनी समझ से और सूझबूझ से काम करने वाले साफ-सुथरी छवि के लोगों को दें.

विमर्श यात्रा के निकाले जा रहे कई सियासी मायने
उत्तर प्रदेश की सियासत से ही देश की सियासत तय होती है. जिसको लेकर अब सभी पार्टियां जोड़-तोड़ और जातिगत राजनीति के समीकरण बनाने में मसरूफ दिखाई दे रही हैं, तो वहीं कुछ ऐसे भी छोटे दल हैं जो राजनैतिक होने के बावजूद भी अपना वर्चस्व सियासी जमीन पर कायम नहीं कर सके हैं लेकिन अब 2022 के उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी ताकत आजमाने के लिए और बड़ी सियासी जमातो पर सियासी दबाव बनाने के लिए मैदान में उतर आए हैं. इन सब को देखते हुए मालूम होता है कि उत्तर प्रदेश का 2022 का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है.

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