PM Modi J&K All Party Meet: बैठक के दौरान वज़ीरे आज़म मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेातओं को यकीन दिलाया है कि चुनाव के बाद रियासत का दर्जा बहाल किया जाएगा.
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नई दिल्ली: वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 सियासी जमातों के 14 नेताओं ने शिरकत की थी. ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली. इस बैठक में वज़ीरे आज़म मोदी के अलावा, वज़ीरे दाखिला अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, मरकज़ी वज़ीर जितेंद्र सिंह के अलावा कुछ दूसरे बड़े अधिकारी भी शामिल हुए.
गुलाम नबी आजाद ने पांच मांगें रखीं
बैठक के खत्म होने के बाद कांग्रेस के सीनियर नेता और जम्मू कश्मीर के साबिक वज़ीरे आला गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने बताया है कि उन्होंने PM मोदी के सामने कांग्रेस की तरफ से 5 मांगें रखीं, जिसमें मुकम्मल रियासत का दर्जा देने की मांग भी शामिल थी. उन्होंने कहा, 'स्टेट हुड बहाल करने का इससे अच्छा समय नहीं है.'
'रियासत में शांति है'
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा है कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर में शांति है, अमन है. सरहद पर भी शांति है. इससे पहले पंचायत चुनाव भी हुए हैं, इसलिए मुकम्मल रियासत के दर्जे की बहाली का सबसे बेहरतीन वक्त यही है.
कश्मीरी पंडितों की मसला भी उठाया
उन्होंने कहा, हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली. केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में सियासी कैदियों को छोड़ने की मांग भी की गई है.
महबूबा मुफ्ती ने कही ये बात
बैठक के बाद पीडीपी की सदर और साबिक वज़ीरे आला महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था. इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था. वे धारा 370 को आइनी और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं.
उमर अबदुल्ला ने क्या कहा?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और साबिक वज़ीरे आला उमर अबदुल्ला ने बताया कि उन्होंने वज़ीरे से कहा कि पांच अगस्त को लिए गए उनके फैसले वह इत्तिफाक नहीं रखते हैं, इसके खिलाफ वह अदालत का दर्वाज़ा खटखटाएंगे और वहीं से उसे इंसाफ मिलेगा.
जितेंद्र सिंह ने क्या कहा
रकज़ी वज़ीर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं को बताया कि सबको को मिलकर लोकतांत्रिक से जुडे़ कदमों यानी विधानसभा चुनाव की तरफ कमद बढ़ाना है.
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