जानिए कौन हैं Justice NV Ramana? 24 अप्रैल को ले सकते हैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शपथ
जस्टिस एनवी रमन्ना (Justice NV Ramana) फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर जजों में एसए बोबडे के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त 2022 को खत्म हो रहा है.
नई दिल्ली: कानून मंत्रालय ने मौजूदा CJI SA Bobde से कहा था कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश भेजें. इस पर चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (SA Bobde) ने जस्टिस एन वी रमन्ना (Justice NV Ramana) को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश कर दी है.
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अब अगर सरकार बोबडे सी सिफारिश को मान लेती है, तो 24 अप्रैल को जस्टिस रमन्ना (Justice NV Ramana) नए CJI के तौर पर हलफ़ ले सकते हैं.
क्या आपको पता है कि जस्टिस रमन्ना कौन हैं ?
जस्टिस एनवी रमन्ना (Justice NV Ramana) 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान खानदान में पैदा हुए. जस्टिस एनवी रमन्ना का पूरा नाम नथालपति वेंकट रमन्ना है. उन्होंने साइंस और लॉ में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस शुरू कर दी. 27 जून 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर उनकी बहाली हुई. साल 2013 में 13 मार्च से 20 मई तक वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस रहे. 2 सितंबर 2013 में उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस का पद संभाला. उसके बाद इसके तीन महीनों के भीतर ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पोस्टिंग दी गई थी.
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जस्टिस एनवी रमन्ना (Justice NV Ramana) फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर जजों में एसए बोबडे के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त 2022 को खत्म हो रहा है. अगर वह अगले सीजेआई का पद संभालते हैं तो वह इस पर करीब 16 महीने तक रहेंगे.
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जस्टिस एनवी रमन्ना पिछले साल जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली का फैसला दे कर चर्चा में आए थे. उसके अलावा CJI दफ्तर को RTI के तहत लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी वे सदस्य रह चुके हैं.
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