नई दिल्लीः ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने छह मामलों में जमानत दे दी है और उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है. जुबैर पर हिंदू भावनाओं को आहत करने और दो समूदायों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का इल्जाम है. उनपर आरोप है कि उन्हें सांप्रदायिक टाईप के ट्वीट करने के लिए विदेशों से पैसे मिलते थे. उधर जेल से रिहा होते ही जुबैर ने फिर से अपना काम संभाल लिया है. खास बात यह है कि इस बीच उनका संस्थान ऑल्ट न्यूज, प्रावडा मीडिया फाउंडेशन और उसके कर्ताधर्ता प्रतीक सिन्हा जुबैर के साथ खड़े रहे हैं. ऐसे में लोगों में मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि अखिर जुबैर और प्रतीक सिन्हा के बीच क्या रिश्ता है, और ऑल्ट न्यूज सरकार के निशाने पर क्यों है ?


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कौन है मोहम्मद जुबैर 


पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, 40 वर्षीय जुबैर मूल रूप से बेंगलुरु के निवासी हैं. उन्होंने एम. एस. रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से टेलीकॉम इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वह सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा भी कर चुके हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता हैं. जुबैर ने 2005 में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलुरु में एयरटेल एंटरप्राइजेज में लगभग दो साल तक नौकरी की. उन्होंने नोकिया-सीमेंस और सिस्को-एचसीएल जैसी कंपनियों में भी काम किया है. अपनी नौकरी के दौरान उन्होंने देश के लगभग सभी बड़े महानगरों सहित पूरे देश की यात्रा की है.  


प्रतीक सिन्हा और जुबैर की कैसे हुई मुलाकात 
साल 2015 में मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा के परिवार के बीच आपस में मुलाकात हुई. उस वक्त प्रतीक सिन्हा और उनकी मां निर्झरी सिन्हा प्रावडा फाउंडेशन के निदेशक थीं. प्रतीक सिन्हा के पिता मुकुल सिन्हा गुजरात दंगों को लेकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के की खुलकर मुखालफत करते थे. मुकुल सिन्हा वास्तव में एक वैज्ञानिक थे, लेकिन उन्होंने वकालत की पढ़ाई की थी और समाजिक तौर पर काफी सक्रिय रहते थे. उन्होंने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने नानावती-शाह आयोग में निरंतर जिरह के माध्यम से नरेंद्र मोदी सरकार को कटघड़े में खड़ा किया था. 

ऑल्ट न्यूज का क्या है मकसद ? 
तब प्रतीक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वह एक फ्रीलांसर के तौर पर काम करते थे, लेकिन 2016 में उन्होंने फ्रीलांसिंग छोड़ दी. प्रतीक सिन्हा ने मोहम्मद जुबैर के साथ मिलकर 9 फरवरी 2027 को ऑल्ट न्यूज की स्थापना की, जिसका मकसद फर्जी, फेक और प्रोपगैंडा फैलाने वाली खबरों का हकीकत पाठकों के सामने लाना था. 


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