Azadi ka Amrit Mahotsav 2022: अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाना कुछ सालों की बात नहीं थी, बल्कि इसके पीछे कई दशकों की मेहनत और बलिदानियों का खून बहा था. इनमें से एक बहादुर राम प्रसाद बिस्मिल भी थे, जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं की. और आजादी की लड़ाई लिए अपनी किताबें तक बेच दी
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