Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन बीच पिछले 7 महीनों से जारी जंग, अब परमाणु हमले की तरफ बढ़ती नज़र आ रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, यूक्रेन समेत अमेरिका और पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं. लेकिन यूक्रेन में आम आदमी के लिए पुतिन की धमकी सबसे ज्यादा डरावनी है. क्योंकि यूक्रेन के आम नागरिक लगातार आयोडीन की गोलियां खरीद रहे हैं, और सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि यूक्रेन के आस-पास के देशों को भी परमाणु हमले और उसके रेडिएशन का डर सताने लगा है. लिहाज़ा इन देशों ने पहले से ही आयोडीन की गोलियों को स्टॉक करना शुरू कर दिया है. ख़बर तो ये भी है कि फ़िनलैंड के कई मेडिकल स्टोर्स में इन गोलियों की कमी हो गई है. लेकिन सवाल ये है कि क्या आयोडीन की ये टैबलेट्स, परमाणु हमले से हुए रेडिएशन के असर को कम करके इंसानों को बचा सकती हैं? आईये जानते हैं. दरअसल जब कहीं परमाणु हमला या उसका रेडिएशन होता है. तो उससे निकले रेडियोधर्मी पदार्थ, सांस लेने या दूषित भोजन के जरिये शरीर में प्रवेश करते हैं. इसके बाद ये थाइराइड कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. WHO के मुताबिक़ बच्चों के लिए, ये सबसे ज्यादा ख़तरनाक होते हैं. और इसका असर कई सालों तक रह सकता हैं. जैसा कि हम आज भी जापान में देख सकते हैं तो अब सवाल ये उठता है कि, क्या सच में Iodine Tablets इंसानों को परमाणु हमले के रेडिएशन से बचा सकती है. तो इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि.पोटेशियम आयोडाइड, यानी (KI) एक तरह के परमाणु जोखिम के ख़िलाफ़ खास सुरक्षा प्रदान करता है. दरअसल परमाणु हमले के बाद वातावरण में बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी आयोडीन उत्सर्जित होता है. तब ऐसे में आयोडिन की ये गोलियां गर्दन में मौजूद थाइराइड को रेडियोधर्मी आयोडीन लेने से रोकती हैं, और रेडिएशन के दौरान एक प्रतिरोधक का काम करती हैं.