Diwali Rituals: दिवाली का वक्त नज़दीक आता है, तो उल्लू की मांग बढ़ जाती है. लेकिन लोग उल्लू का गलत इस्तेमाल करते है. इस रिपोर्ट के जरिए हम आपको बताएंगे की आखिर दिवाली से उल्लू का क्या संबंध है. साथ ही लोग किस तरह से उल्लू का गलत इस्तमाल करते है और इसकी तस्करी से जुड़े कानून क्या है. दरअसल विश्व वन्यजीव कोष ने उल्लू की बलि को लेकर जागरुकता फैलाने और इसकी तस्करी बंद करने की आवशयकता जताई है. दिवाली के मौके पर उल्लू का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बहुत से लोग अंधविश्वास के कारण उल्लू की दिवाली के दिन बली चढ़ाते है, जिसके कारण काफी संख्या में इस परिंदे को जान से हाथ धोना पड़ता है.भारत में उल्लू की 36 प्रजातियां पायी जाती है. इस सभी को भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत शिकार, कारोबार या किसी प्रकार के उत्पीड़न से संरक्षण प्राप्त है. 36 प्रजातियों से उल्लू की कम से कम 16 प्रजातियों की अवैध तस्करी और कारोबार किया जा रहा है. देखें पूरी ख़बर