देश के कोचिंग हब कोटा (राजस्थान) में हर साल हजारों बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बनने के लिए जाते हैं. इनमें कुछ ही कामयाब हो पाते हैं बाकी बच्चों के हाथ मायूसी ही आती है. कई बार ये मायूसी इतनी ज्यादा होती है कि बच्चे अपनी जिंदगी ही खत्म कर डालते हैं. पिछले साल हजारों की तादाज में बच्चे मेडिसिन या इंजीनियरिंग में करियर बनाने गए लेकिन इनमें से एक या दो नहीं बल्कि 13,089 बच्चों ने आत्महत्या कर ली. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन बच्चों ने फेल होने की वजह से मौत को अपने गले से लगा लिया.
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