Video : बिहार के बेतिया से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो पूरे देश के लिए एक उदाहरण है. जहाँ देश में कई जगह धर्मों को लेकर इतने दंगे होते हैं वहीं ऐसे उदाहरण लोगों को एकता की याद दिलाते हैं. बिहार के बेतिया में एक ऐसा विशाल पेड़ है जहाँ हिंदु मुश्लिम साथ पूजा करते हैं. यहाँ पेड़ के नीचे ईश्वर और अल्लाह की आवाज एक साथ आती है. दो धर्मो का मिलन पूरब में राम और पश्चिम में अल्लाह है. ये तस्वीर आज देश में हिन्दू और मुस्लिम के बीच जारी नफरत की दीवारों को तोड़ रहा है. जो लोग मंदिर और मस्जिद के बीच जारी मजहब का बंटवारा कर रहे है उन्हें यह तस्वीर जरूर देखनी चाहिए. यह तस्वीर बेतिया मझौलिया के डुमरी सरेह का है. जिसे पीर बाबा कहा जाता है जो विशाल वृक्ष के नीचे है ये ना ही मंदिर है और ना ही मस्जिद है. लेकिन यंहा की तस्वीर देख भाईचारे की ऐसी तस्वीर देखने को मिल रही है जो कि शायद ही कंही देखने को मिले. एक विशाल पीपल के पेड़ के नीचे पूजा भी हो रही है और नमाज भी चल रहा है पूरब की तरफ हिन्दू धर्म के लोग घण्टी बजा पूजा कर रहे है तो मु्स्लिम समुदाय के लोग पश्चिम की तरफ मुड़ कर नमाज अदा कर रहे हैं. महिलाएं एवं पुरुष एक साथ पूजा में लगे है. मंदिर की तरह यंहा घण्टी की आवाज है तो वंही मुश्लिम धर्म के लोगों का नमाज है. यंहा सालों से ऐसी पूजा होती आ रही है हिन्दू और मुश्लमान यंहा बटे हुए नही है यह न तो मंदिर है और ना ही मस्जिद है और ना ही यंहा धर्मो का बंटवारा है. दूर-दूर से लोग यंहा आते हैं एक ही पेड़ के नीचे अपने अपने धर्मो की पूजा एक साथ सालों से करते हैं. इस तस्वीर को सभी को देखना चाहिए ये मन को सुकून देने वाली तस्वीर है ये नफरतों के दौर में आपसी भाईचारा को मजबूत करने वाली मोहब्बत का पैगाम देने वाली तस्वीर है. यंहा मंदिर की घण्टी की आवाज है यंहा माँ दुर्गे की चुनरी है. यंहा मस्जिद की नमाज है. यंहा ईश्वर और अल्लाह एक है. यंहा लोग मन्नत मांगने आते हैं और सबकी मन्नते पूरी होती है. आप भी देखें वीडियो.