Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे से हर किसी की आंखे नम हैं, जिसमें कई ज़िंदगियां पानी में समा गईं. लोगों को नहीं मालूम था कि उनका ख़रीदा वो 12 रुपये का टिकट उनकी मौत का टिकट बन जाएगा. इस ख़ौफ़नाक मंज़र और लोगों की चीख़-चिल्लाहट के बीच कुछ लोग फ़रिश्ता बनकर सामने आए इनके नाम हैं तौफ़ीक़, नईम शेख़ और राजू चायवाला. इंसान की इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं होता है, और जब बात इंसानियत कि आती है तो कोई जात, मज़हब मायने नहीं रखता बचती है तो बस इंसानियत, यही साबित किया तौफ़ीक़ भाई, नईम शेख़ और राजू चायवाला ने इन तीनों ही लोगों ने किसी बात कि परवाह किए बग़ैर सभी मुतास्सिरीन की मदद की. इन तीनों ने दर्जनों लोगों की ज़िंदगियां बचाई. सबसे पहले आपको बताते हैं तौफ़ीक़ भाई के बारे में आपको बता दें तौफ़ीक़ भाई अपनी बेटी की डिलीवरी के लिए अस्पताल आए थे. पर जैसे ही उनको मोरबी हादसे के बारे में पता चला वो अनन-फ़ानन में मुतास्सिरीन की मदद के लिए पहुंच गए. तौफ़ीक भाई ने तक़रीबन 35 लोगों को अस्पताल पहुंचाया, तौफ़ीक़ भाई का कहना है कि बात हिंदू या मुस्लिम की नहीं, बात इंसानियत की होनी चाहिए