This society is ahead of the Muslims in the matter of having more than one wife aaz जब एक से अधिक शादियों की बात होती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहली तस्वीर मुस्लिम समाज की आती है. इसके पीछे की वजह भी है. लेकिन नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट एक अलग ही तस्वीर पेश कर रही है. NFHS की रिपोर्ट के मुताबिक एक से अधिक शादी या पत्नी रखने की रवायत मुल्क के अन्य समुदायों में भी है. इस सर्वे में देश के आदिवासियों में भी एक से अधिक बीवी रखने की बात सामने आई है, और तेलंगाना में हिंदूओं जबकि ओडिशा में मुस्लिमों में सबसे अधिक एक से ज्यादा बीवी रखने के बात सामने आई है. ज़्यादा आबादी वाली शुमाल मश्रित रियासतों में बहुविवाह करने वाली महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक है. यह मेघालय में 6.1% से लेकर त्रिपुरा में 2% तक है. दक्षिणी राज्यों और पूर्व में जैसे बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में उत्तर भारत की तुलना में बहुविवाह का प्रचलन अधिक है. 2019-20 के NFHS डेटा से पता चलता है कि बहुविवाह का प्रचलन सबसे ज़्यादा ईसाई समाज में 2.1 फीसद, मुसलमानों में 1.9 फीसद, हिंदुओं में 1.3 फीसद और अन्य धार्मिक समूहों में 1.6 फीसद था. सर्वे के रिपोर्ट के मुताबिक गरीब, अशिक्षित, ग्रामीण और ज्यादा उम्र वाले लोगों में एक से ज्यादा शादी करने के मामले है. लेकिन एक और बात आपको बता दें कि NFHS की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 में एक से अधिक शादी या एक से अधिक बीवी रखने के मामलों में कमी आई है. क्योंकि नेशनल एवरेज की बात करें तो 2005-06 में ये 1.9 फीसद था और 2019-20 में यह कम होकर 1.4 फीसद हो गया है. तो अगर अबसे एक से अधिक शादियों की बात सामने आए तो आप इस सर्वे रिपोर्ट पर ज़रुर नज़र डाल लें.