जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ दर्शन अंद्राबी (Dr Darakhshan Andrabi) ने आज आगामी वार्षिक उर्स से पहले चरार-ए-शरीफ में हजरत नूरुद्दीन नूरानी की दरगाह में सम्मानित पोशक-बंदी मुबारक का नेतृत्व किया. यह पहली बार था कि वक्फ बोर्ड ने पूरे जम्मू-कश्मीर में धर्मस्थल प्रबंधन के कामकाज में हालिया सुधारवादी बदलावों के बाद उत्सव का प्रबंधन किया. पहले इसका प्रबंधन कुछ स्थानीय लोगों और वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता था, जिनके पास सभी वक्फ प्रबंधन मामलों की जिम्मेदारी थी, इन सम्मानित समारोहों के आयोजन में कोई भूमिका नहीं थी. बोर्ड मजिस्ट्रेट इश्तियाक मोहिउद्दीन और वक्फ बोर्ड और जम्मू-कश्मीर सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वक्फ बोर्ड के सदस्य डॉ गुलाम नबी हलीम और सैयद मोहम्मद हुसैन हक्कानी भी उपस्थित थे. स्थानीय ऋषि और प्रमुख नागरिक भी उपस्थित थे. डॉ. अंद्राबी ने वहां बड़ी संख्या में भक्तों से मुलाकात की, जिन्होंने डॉ. दर्शन के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड द्वारा लिए गए सुधारात्मक निर्णयों की प्रशंसा की. वहां के लोगों और मीडिया बिरादरी को संबोधित करते हुए डॉ दर्शन अंद्राबी ने कहा कि तीन दशकों से अधिक समय से हमारे युवाओं के कट्टरपंथ ने हमें केवल दुख, पिछड़ापन और बदनामी दिलाई है.