What is Open Book Exam: ओपन बुक परीक्षा का नाम सुनते ही तमाम बच्चों के चेहरे खुशी से खिल जाते हैं. उन्हें लगता है कि अब पढ़ाई करने की क्या ज़रूरत, जब एग्जाम हॉल में किताबें और नोट्स सामने मिलेंगी तो फिर क्या सवाल देखना और जवाब किताबों में हैं, लेकिन क्या सच में Open Book Exam बच्चों के लिए इतना आसान है. इसी बात को जानने के लिए CBSE यानी Central Board of Secondary Education ने नौवीं से बारहवीं तक ओपन बुक परीक्षा का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया है. इस प्रोजेक्ट के जरिए क्लॉस 9वीं और 10वीं में इंग्लिश, मैथ्स, और साइंस वहीं, 11वीं और 12वीं के लिए इंग्लिश, मैथ्स और बॉयोलॉजी के लिए Open Book Exam कराने का फैसला किया है. बोर्ड के मुताबिक वह बच्चों में इस बात की जांच करना चाहते हैं कि बच्चें किताबों का सहारा लेकर कितने समय में इस परीक्षा को देते हैं. बोर्ड बच्चों की सोचने की ताकत और रिसर्ज एबिलिटी जांचना चाहती है.