Future of Online Games: कोविड दौर के बाद से दुनिया में कई चीज़े बदली और कई चीज़े चलन में आई हैं. जब सभी लॉकडाउन में अपने घरों में कैद थे तबसे लोगों को एक ऐसा चस्का लगा जो लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी खत्म नहीं हुआ. वो है ऑनलाइन गेम्स (Online Games), इस फेहरिस्त में रमी (Rummy) और पोकर (Poker) जैसे गेम्स शामिल हैं. इन गेम्स का इस्तेमाल और उसमें धांधली इस कदर बढ़ गया था कि जगह जगह इस पर सवाल उठने लगे, और ये मामला बढ़ते बढ़ते अब पहुंच गया है मुल्क की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में. दरअसल तमिलनाडु सरकार ने इन गेम्स पर रोक लगवाने के लिए मद्रास हाई कोर्ट में अर्ज़ी दायर की थी लेकिन वहां इसे रद्द कर दिया गया जिसके बाद अब तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. तो अब रमी, पोकर और इसी तरह के पैसे के लेन देन वाले गेम्स सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए स्कैन किए जाएंगे जिसके बाद फैसला होगा की ये मुस्तकबिल में जारी रहेंगे या इन पर रोक लगाई जाएगी. बता दें की तमिलनाडु सरकार की तरफ से दाखिल की गई अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने गौर किया जिसके बाद अर्ज़ी में शामिल गेमिंग कम्पनीज़ को कोर्ट के ज़रिए नोटिस जारी किया गया. आपको बता दें की इस अर्ज़ी में तमिलनाडु सरकार के ज़रिए सवाल उठाया गया है कि जो इस तरह के ऑनलाइन गेम्स होते हैं, जिसमें पैसे का लेनदेन शामिल होता है उसे "गेम आफ स्किल" (Games of Skills) माना जाएगा या फिर ये "गेम आफ चांस" (Games of Chance) कहलाएगा. सरकार ने सवाल किया कि क्या दोनों के बीच का फर्क यहां लागू होगा या नहीं. अब देखना होगा की सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए जारी नोटिस पर कंपनियां क्या जवाब दाखिल करती हैं उसके बाद ही इन गेम्स का मुस्तकबिल तय होगा.