Muharram 2024: कर्बला में मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.अ. के छोटे नवासे हज़रत इमाम हुसैन को क़त्ल करके यज़ीद के लश्कर ने उनके घरवालों को क़ैद कर लिया. क़ैदी बनाकर मुहम्मद मुस्तफ़ा के घराने की बेटियों और बहुओं को शाम यानी सीरिया लाया गया. यज़ीद शाम में ही बैठता था. सीरिया के क़ैद ख़ाने में इमाम हुसैन के घरवालों को रख गया. तक़रीबन एक साल की क़ैदो बंद के बाद जब इमामे आली मक़ाम के घरवालों को रिहा किया गया तो इमामे हुसैन की बहन हज़रत ज़ैनब ने अपने भतीजे इमाम सज्जाद जो इमामे हुसैन के बेटे थे उनसे कहा कि बेटा सज्जाद यज़ीद से कहों कि हमें एक ऐसी जगह मुहैय्या कराए जहां हम अपने भाई हुसैन की शहादत का ग़म मना सकें, बीबी ज़ैनब ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि क़ैद ख़ानें में रोने और ग़म मनाने का हुक्म नहीं था, फिर बीबी ज़ैनब ने यज़ीद के क़ैदख़ाने में पहली मजलिस का इनेक़ाद किया.
Thank you
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts.